उनका कल्याण हर सरकार का कर्तव्य है परन्तु हालही के दिनों में सरकार हो या फिर जनप्रतिनिधि किसी ने भी किसानों के लिए अधिक कुछ नहीं किया है। देशका किसान ऋण में ही पैदा हो कर, ऋण में ही में पल बढ़ कर, ऋण में ही मर रहा है। अन्न देने वाला किसान ही हम सब की प्रेरणा है। यह किसानों का देश है। उनके बच्चों को हमें गुणवत्तायुक्त शिक्षा देनी चाहिए। इन परिवारों को सुरक्षा उपलब्ध करनी चाहिए। विकास के मुद्दे पर उन्हें प्रथम प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
मणकवाड अन्नदानीश्वर मठ के सिध्दराम स्वामी ने कहा कि किसानों के घर में, मन में वास्तविक भारत है। उनका कल्याण होना है तो गांवों का कल्याण होना चाहिए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य का सपना साकार होना चाहिए।
रैय्यत सेना संगठन के प्रदेशाध्यक्ष वीरेश सोबरदमठ ने कहा कि सरकारें कार्पोरेट कम्पनियों के हजारों करोड़ रुपए के ऋण को माफ कर रहे हैं परन्तु किसानों का ऋण माफ करने से पीछे हट रही हैं। संगठित हो कर एकजुटता से आंदोलन करने पर मात्र समस्या का समाधान होगा।
नम्म मित्र फाउण्डेशन की संस्थापक डॉ. सीमा सधिका ने कहा कि परिवर्तन हमीं से होना चाहिए। सहकारिता के सिध्दांत पर हर कार्य कर सकते हैं। किसानों में भी आपसी सहयोग होना चाहिए।
धारवाड़ जिले के विभिन्न तालुकों से आए एक हजार किसानों को कीटनाशक छिडक़ाव मशीन वितरित किया गया। कार्यक्रम में जिला पंचायत की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्नेहन रायमाने, सदस्य रेणुका इब्राहिमपुर, किसान नेता विकास सोप्पिन, श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष गणपति गंगोल्ली उपस्थित थे।