बेंगलूरु. Fiscal deficit को नियंत्रण में रखने के लिए राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुए 15th Finance Commission के अध्यक्ष एनके सिंह ने बढ़ती देनदारियों (ऋण) और कृषि पैदावार में गिरावट पर चिंता जताई।
यहां मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सिंह ने कहा कि यहां दो Karnataka मौजूद है। एक समृद्ध और दूसरा गरीब। प्रति व्यक्ति
income के हिसाब से राज्य शीर्ष पर है। यहां प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से अधिक है लेकिन, यह राज्य में व्याप्त गरीबी से मेल नहीं खाता। प्रदेश में उच्च गरीबी दर बिल्कुल अस्वीकार्य है।
उन्होंने कहा कि यहां अंतर-राज्यीय असमानता काफी है। यह राज्य भारत का ग्रोथ इंजन है जो देश भर से प्रतिभा संपन्न
Human Resource को अपनी ओर आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि यहां पूरे देश से बेहतर गुणवत्ता वाले कर्मचारी हैं और यहां की उद्यमिता अनूठी है। यह
startups का केंद्र है और यह
Silicon Valley के उपनाम से मशहूर है। इन तमाम उपलब्धियों के बावजूद यह विडंबना ही है कि इसी राज्य में गरीबी का स्तर भी काफी ऊंचा है। उन्होंने कहा कि वित्त आयोग ने इस बात पर गौर किया है कि राज्य में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां अच्छी बारिश होती है जबकि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां सूखा है और वह भी पिछले कई वर्षों से। इस तरह की स्थिति से उबरने के लिए काफी कुछ करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में कई सिंचाई परियोजनाएं शुरू की गई जो अभी भी पूरी नहीं हो पाई हैं। राज्य सरकार ने एक प्रमुख
irrigation project को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए विशेष Fund जारी करने की बात भी कही है, जो लगभग 53 हजार करोड़ रुपए है। उन्हें यह भी महसूस हुआ है कि राज्य में बिजली पर दी जा रही 12 हजार करोड़ रुपए की
subsidy को भी पुनर्गठित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसे लाभार्थियों को डीबीटी के जरिए दिया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा क्षेत्र में कम परिणाम, कुपोषण, गिरता भू-जल स्तर भी कुछ ऐसे विषय है चिंतित करते हैं। इन पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उनके
Cabinet के मंत्रियों ने आयोग से भेंट कर एक विचारणीय ज्ञापन सौंपा है जिसे आयोग
report सौंपते हुए उचित महत्व देगा।