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10 दिन में टीबी के 1732 मरीजों की पहचान

locationबैंगलोरPublished: Dec 14, 2019 05:26:57 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

बेलगावी और मैसूरु सर्वाधिक प्रभावित। स्वास्थ्य विभाग बढ़ाएगा एसीएफ अभियान का दायरा

फेफड़ों में रक्तसंचार खराब होने से भी आती खांसी

फेफड़ों में रक्तसंचार खराब होने से भी आती खांसी

 

बेंगलूरु.

टीबी (TB – तपेदिक) रोग के लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग टीबी जागरूकता अभियान सहित एक्टिव केस फाइंडिंग (Active Case Findingए सीएफ) अभियान का दायरा बढ़ाएगा। ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों की समय रहते पहचान कर उनका उपचार शुरू किया जा सके।

टीबी (tuberculosis) विशेषज्ञों के अनुसार टीबी के एक मरीज से 10 लोगों को संक्रमण का खतरा रहता है। प्रदेश के 20 जिलों में जारी एसीएफ अभियान रंग ला रही है। 25 नवंबर से चार दिसंबर तक प्रदेश में टीबी के 1732 मरीजों की पुष्टि हुई है। सभी मरीज प्रदेश के 10 जिलों से हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के कार्यकर्ता घर-घर जा लक्षण के आधार पर जांच कर रहे हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में टीबी विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सीनप्पा ने बताया कि 205 मरीजों के साथ बेलगावी पहले और 195 मामलों के साथ मैसूरु दूसरे स्थान पर है। वहीं कलबुर्गी में 147, बल्लारी में 142, विजयपुर में 128, कोप्पल में 126, बेंगलूरु शहरी में 123, रायचूर में 87, हावेरी में 63 और बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका क्षेत्र में 54 मरीज मिले हैं।

डॉ. सीनप्पा ने बताया कि टीबी के लक्षणों को लेकर या तो लोग जागरूक नहीं हैं या फिर लक्षणों के प्रति लापरवाह हैं। लंबे समय तक खांसी-बुखार रहे और वजन घट रहा हो तो टीबी की जांच जरूर करवानी चाहिए। जितनी देर होगी, फेफड़े उतने खराब होंगे।

एसीएफ अभियान के तहत अब तक प्रदेश के दो करोड़ लोगों तक पहुंचा जा चुका है। जांच करने के लिए 23,612 दल बनाए गए हैं, प्रत्येक दल में दो स्वास्थ्य कर्मचारी हैं। जुलाई में एसीएफ के तहत 2500 नए मरीज मिले थे।

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