मैसूरु पुलिस आयुक्त कार्यालय में हाल ही में इन कैमरों की व्यवहार्यता एवं कार्यदक्षता का निरीक्षण किया गया। सीसीटीवी कैमरों से प्राप्त फुटेजों को बेहद क्लोज एंगल तक लाकर उनकी स्पष्टता देखी गई। अधिकारियों के अनुसार कैमरों की नजर में हर गतिविधि आती है। यहां तक कि वाहन नंबर प्लेट को कैमरे को जूम करके देखा जा सकता है। भीड़ में घटित होने वाली घटनाओं को भी कैमरों से आसानी से देखा जा सकता है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं यातायात) बीटी कविता ने अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ सीसीटीवी कैमरों के फुटेज स्पष्टता की जांच की। पुलिस आयुक्त कार्यालय स्थित केंद्रीयकृत ऑटोमेटिक सेंटर से सभी कैमरों को जोड़ा गया है। अधिकारियों के अनुसार सीसीटीवी कैमरों की मदद से कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी। केंद्रीयकृत नियंत्रण कक्ष से सभी कैमरों के फुटेज देखे जा सकेंगे और किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी पुलिस टीम को अलर्ट किया जा सकेगा। जम्बो सवारी मार्ग के १९९ कैमरों के अतिरिक्त शहर के अन्य क्षेत्रों में लगाए गए ६४ कैमरों से भी चौबीसों घंटे पूरे शहर की आवाजाही और घटनाक्रम पर नजर रखी जाएगी।
३०० मीटर ऊंचाई से नजर रखेगा ड्रोन
दहशरा जैसे भीड़ वाले आयोजनों में आपात स्थिति से निपटने के लिए मैसूरु पुलिस को २.१६ करोड़ रुपए से मोबाइल कमांड सेंटर वाहन मुहैया कराया गया है। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से युक्त इस वाहन की कई विशेषताएं हैं। वाहन के साथ १९ अत्याधुनिक कैमरे और एक ड्रोन कैमरा जुड़ा है। ड्रोन से ३०० मीटर की ऊंचाई से एक किलोमीटर परिधि पर नजर रखी जा सकती है। वाहन के साथ ५० प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों का दल जुड़ा होता है जो किसी भी आपात स्थिति में तुरंत घटना स्थल पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।