समापन समारोह में बीसीयू के कुलपति प्रो. एस. जफेट ने कहा कि स्वदेशी चिकित्सा निदान उपकरणों के निर्माण में चीन भारत से आगे है। भारत को करीब 3200 प्रकार के विभिन्न उपकरणों की जरूरत है, लेकिन महज 100 उपकरण देश में बनते हैं। कृषि, सामाजिक विज्ञान और परमाणु विज्ञान सहित अन्य क्षेत्रों में भी स्वदेशी उपकरणों के निर्माण पर जोर देने की जरूरत है। ज्यादातर विशेषज्ञों ने विज्ञान के विकास के लिए फंड और मानव संसाधन पर जोर दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष एएस किरण कुमार बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। भारतीय सामाजिक विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष प्रो. बीएस त्रिपाठी और महासचिव डीएम दिवाकर के साथ कई वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।