बीबीबीपी (Bengaluru Bannerghatta Biological Park) की कार्यकारी निदेशक वनश्री विपिन सिंह (Vanashree Vipin Singh) ने बताया कि लोग आने शुरू हो गए हैं। हर दिन के साथ संख्या भी बढ़ रही है लेकिन गत कुछ दिनों से कोरोना के मामले बढऩे के कारण लोगों की संख्या घटी है। सूर्य ग्रहण के दिन रविवार को वैसे भी लोग नहीं पहुंचे। इसके पहले रविवार को करीब 600 लोग आए थे। 23 जून को करीब 250 लोग पहुंचे। औसतन प्रतिदिन 250 लोग यहां पहुंच रहे हैं। फिलहाल लोगों की संख्या से ज्यादा महत्वपूर्ण है कोरोना से बचाव। स्थिति ही ऐसी है कि लोग चाहकर भी नहीं आ सकते हैं।
वनश्री ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन, कर्नाटक व प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की टीम कुछ दिन पहले ही बीबीबीपी व सुरक्षात्मक इंतजाम आदि का मुआयना करके गई है। 4400 लोग एक दिन में बीबीबीपी का लुत्फ उठा सकते हैं। पांच से छह फीसदी लोग पहुंच रहे हैं। हालांकि अलग-अलग बैचों में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। जागरूकता अभियानों पर ध्यान दे रहे हैं। सोशल मीडिया का सहारा भी ले रहे हैं। जगह-जगह हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था तो है ही। कुछ दिनों से बीबीबीपी ने हैंड वाशिंग सुविधा भी उपलब्ध कराई है। लोग नियमों का पालन कर रहे हैं। अच्छे से पेश आ रहे हैं। अब तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया जिसमें बीबीबीपी पहुंचे लोगों को कोविड लक्षणों के कारण वापस भेजने की जरूरत पड़ी हो।
वन्यजीवों के स्वास्थ्य पर भी निगरानी
कोरोना से बचाव के तमाम सुरक्षात्मक दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। चार पशु चिकित्सकों की टीम वन्यजीवों के स्वास्थ्य पर भी विशेष निगरानी बनाए हुए है। सभी वन्यजीव स्वस्थ हैं।
बाघ और शेर चिकन पर निर्भर
वनश्री ने बताया कि बाघ और शेरों को बीफ के बदले चिकन से गुजारा करना पड़ रहा है। निविदा आमंत्रित की गई है। कुछ सप्ताह में बीफ की आपूर्ति शुरू होने की उम्मीद है। वन्यजीवों के भोजन को लेकर बीबीबीपी आत्मनिर्भर होने की कोशिश कर रहा है। इस दिशा में कई सकारात्मक कदम उठाए गए हैं।