वर्ष 2017 में 2150 लोगों को अवैध तरीके से रेल पटरियां पार करते गिरफ्तार किया। इनके विरुद्ध रेलवे सुरक्षा बल ने मुकदमा दर्ज किया और 8 लाख 41 हजार 370 रुपए का जुर्माना किया। वहीं 2018 में सितम्बर तक 1557 तक लोगों को रेल पटरियां पार करते गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया गया। रेल अधिनियम की धारा 147 के तहत 4 लाख 97 हजार 860 रुपए का जुर्माना भी किया गया।
बढ़ते रेल हादसों पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे प्रशासन ने स्टेशनों पर या मध्य भाग में रेलवे पटरियों को पार नहीं करने को कहा है। रेलवे ने पटरियों को पार करने के लिए फुट ओवरब्रिज, सबवे, रोड ओवर-अंडरब्रिज, रेल क्रॉसिंग का उपयोग करें।
रेलवे पटरियों के पास या शंटिग ट्रेनों के आवागमन के दौरान मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करने को कहा है। वहीं किसी भी परिस्थिति में रेलवे पटरियों के आस-पास में एकत्र नहीं होने को भी कहा है। रेलवे पटरियों के आस-पास सेल्फी व फोटोग्राफी पर भी रोक लगाई है।
ट्रेनों के फुटबोर्ड या प्लेटफॉर्म के किनारे पर खड़े न हों, चलती ट्रेन में कोच के प्रवेश द्वार को भी बंद करने का प्रयास नहीं करें, इससे अन्य यात्रियों को परेशानी हो सकती है। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई भी व्यक्ति रेलवे ट्रैक पार करता पकड़ा जाता है तो उसके विरुद्ध एक हजार रुपए का जुर्माना किया जा सकता है। इसके अलावा छह माह की कैद का भी प्रावधान है। विशिष्ट परिस्थितियों में दोनों सजाएं एक साथ हो सकती है।
ये भी हैं प्रावधान
रेलवे ने गैस सिलेंडर, गन पावडर, विस्फोटक सामग्री, पटाखे, कैरोसिन, पेट्रोल, ज्वलनशील जैसे खतरनाक सामान ट्रेन में नहीं ले जाने की सलाह दी है। साथ ही ट्रेन के कोच में किसी भी प्रकार का स्टोव का इस्तेमाल नहीं करने व धूम्रपान नहीं करने को कहा है। इन सामग्री के साथ पकड़े जाने पर यात्री को तीन साल तक की जेल व एक हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। रेलवे अधिनियम के अनुसार सजा को बढ़ाया भी जा सकता है।