विजयपुर सैनिक स्कूल से प्राप्त जानकारी के अनुसार 4200 में से 10 लड़कियों को मेडिकल जांच के लिए चुना गया है और पांच लड़कियों के नाम प्रतिक्षा सूची में हैं। कोडुगू सैनिक स्कूल के लिए नौ लड़कियों को चुना जा चुका है।
सैनिक स्कूल में पहली बार देश की किसी बेटी का दाखिला हुआ था
देश में 31 सैनिक स्कूल हैं। मिजोरम के छिंगछिप सैनिक स्कूल में पहली बार देश की किसी बेटी का दाखिला हुआ था। वर्ष 2018 में छह लड़कियों को दाखिला मिला था। इससे पहले सैनिक स्कूलों में केवल लड़कों को ही दाखिला देने का प्रावधान था।
यह प्रयोग कामयाब रहा
दरअसल, सैनिक स्कूल में लड़कियों को दाखिला देना रक्षा मंत्रालय का एक पायलट प्रोजेक्ट था। यह समझने के लिए कि लड़कों के गढ़ में उनका प्रदर्शन कैसा रहता है। यह प्रयोग कामयाब रहा, जिसे देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐलान किया था कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 से देश के हर सैनिक स्कूल में लड़कियां भी पढ़ सकेंगी।
अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा
सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले बच्चों को ही सैनिक स्कूलों में दाखिला मिलता है। 67 फीसदी सीटें गृह प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित होती हैं जबकि शेष सीटों पर मौजूदा व सेवानिवृत्त सैनिकों के बच्चों को दाखिला देने का प्रावधान है। अनुसूचित जाति व जनजाति वर्गों के लिए भी सीटें आरक्षित हैं।
मकसद था कैडेट्स तैयार करना
सैनिक स्कूलों की अवधारणा पूर्व रक्षा मंत्री वी. के. कृष्ण मेनन ने तैयार की थी। मकसद था राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, भारतीय सैन्य अकादमी, वायु सेना व नौसेना अकादमी के लिए कैडेट्स तैयार करना। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में लगभग 25 फीसदी कैडेट्स सैनिक स्कूलों से हैं। सेना, नौसेना व वायु सेना के चार प्रमुख सैनिक स्कूलों के छात्र रह चुके हैं।