लेकिन बंदर डर गए और पेड़ पर ही उछल-कूद मचाने लगे। बंदरों के पानी में गिर पडऩे के खतरों को भांपते हुए बचाव अभियान को बंद करना पड़ा। पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा था। भूख से बेहाल बंदरों के लिए टीम ने पेड़ की शाखाओं में फल बांधे।
अभियान में शामिल कर्मियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई बार विफल होने के बाद टीम ने एक रास्ता निकाला। पानी के ऊपर पेड़ से नदी किनारे तक रस्सी और बांस की सीढ़ी लगाई गई। कुछ बंदर सीढ़ी के सहारे किनारे तक आने लगे लेकिन भय के कारण कई बंदर पेड़ पर ही ठहरे रहे। नदी किनारे लोगों की भीड़ से भी बंदर भयभीत थे। अभियान के तीसरे व चौथे दिन नदी किनारे से भीड़ को तितर-बितर किया गया। जिसके बाद एक-एक करके सभी बंदर किनारे पहुंच गए।