scriptऐसे बची बाढ़ में फंसे 50 बंदरों की जान | 50 monkeys rescued from drowning in Davanagere district of Karnataka | Patrika News

ऐसे बची बाढ़ में फंसे 50 बंदरों की जान

locationबैंगलोरPublished: Aug 13, 2020 05:00:22 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

बंदर डर गए और पेड़ पर ही उछल-कूद मचाने लगे। बंदरों के पानी में गिर पडऩे के खतरों को भांपते हुए बचाव अभियान को बंद करना पड़ा।

ऐसे बची बाढ़ में फंसे 50 बंदरों की जान

बेंगलूरु. चार दिन तक चले बचाव अभियान के बाद कर्नाटक के दावणगेरे जिले में वन और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने तुंगभद्रा नदी में बाढ़ के कारण कई दिनों से पेड़ों पर फंसे 50 बंदरों को (More than 50 monkeys rescued from drowning in Davanagere district of Karnataka) सुरक्षित बचा लिया। भारी बारिश के कारण अधिकारियों को बांधों के फाटकों को खोलने पर मजबूर होना पड़ा। देखते ही देखते नदी में बाढ़ आ गई। जिले के हरिहर तालुक में राजनहल्ली के पास एक पेड़ पर रह रहे करीब 55 बंदर फंस गए। सभी बहती हुई नदी से घिर गए। बचने का कोई रास्ता नहीं बचा था। स्थानीय लोगों की सूचना पर वन और अग्निशमन विभाग की टीम ने स्थिति का जायजा लिया और नौकाओं से बचाव अभियान शुरू किया।

लेकिन बंदर डर गए और पेड़ पर ही उछल-कूद मचाने लगे। बंदरों के पानी में गिर पडऩे के खतरों को भांपते हुए बचाव अभियान को बंद करना पड़ा। पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा था। भूख से बेहाल बंदरों के लिए टीम ने पेड़ की शाखाओं में फल बांधे।

अभियान में शामिल कर्मियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई बार विफल होने के बाद टीम ने एक रास्ता निकाला। पानी के ऊपर पेड़ से नदी किनारे तक रस्सी और बांस की सीढ़ी लगाई गई। कुछ बंदर सीढ़ी के सहारे किनारे तक आने लगे लेकिन भय के कारण कई बंदर पेड़ पर ही ठहरे रहे। नदी किनारे लोगों की भीड़ से भी बंदर भयभीत थे। अभियान के तीसरे व चौथे दिन नदी किनारे से भीड़ को तितर-बितर किया गया। जिसके बाद एक-एक करके सभी बंदर किनारे पहुंच गए।

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