मणिपाल अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. सुदर्शन बल्लाल ने कहा कि सरकार को 100 करोड़ टीकाकरण पूरा करने के जबरदस्त प्रयास के लिए बधाई दी जानी चाहिए। टीका हिचकिचाहट से लडऩा, टीकाकरण को नि:शुल्क करना, टीकों का समान वितरण सुनिश्चित करना और ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण का प्रबंधन। सरकार के लिए यह आसान नहीं था। सरकार ने इसे सटीकता के साथ प्रबंधित किया है। इस अभियान में कर्नाटक की भूमिका भी अहम रही है। प्रदेश शुरू से ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आगे रहा है। कोविड प्रबंधन में एक आदर्श राज्य के रूप में उभरा।
कोविड-19 तकनीकी सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ. एमके सुदर्शन ने कहा कि रिकॉर्ड समय में देश ने 100 करोड़ खुराकें देने का लक्ष्य हासिल किया। यह विशाल टीकाकरण प्रयास संभावित तीसरी लहर को रोकने में काफी मददगार साबित होगा। महामारी के खिलाफ टीकाकरण एक महत्वपूर्ण हथियार है और भारत उस ढाल को हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. अरुंधति चंद्रशेखर ने कहा कि यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है। सिर्फ नौ महीनों में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में 100 करोड़ टीके लगाए गए हैं। स्वास्थ्य कर्मियों ने जमीनी स्तर पर काफी मेहनत की है।
तकनीकी सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. सीएन मंजुनाथ ने भी केंद्र और कर्नाटक सरकार के प्रयासों की सराहना की। शुरुआत में लोग टीके से हिचक रहे थे। सरकार जागरूकता पैदा करने में कामयाब रही और यह सुनिश्चित किया कि लोग टीकाकरण केंद्रों पर आएं। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने टीकाकरण अभियान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विभाग के साथ मिलकर कड़ी मेहनत की।
नारायण हेल्थ की अध्यक्ष डॉ. देवी शेट्टी ने इस उपलब्धि को अविश्वसनीय गौरव बताया। किसी ने भी नहीं सोचा था कि इतने सारे लोगों का टीकाकरण इतनी जल्दी कर सकेंगे। 75 फीसदी पात्र आबादी का टीकाकरण हो चुका है। देश कोविड से लडऩे के लिए सुरक्षित स्थिति में है। केंद्र और राज्य सरकारों सहित चिकित्सकों, नर्सों, फ्रंटलाइन वर्कर्स को इसका श्रेय जाना चाहिए। सभी ने कोविड मरीजों के लिए अपनी जान जोखिम में डाली। स्वदेशी टीका विकसित करने में वैज्ञानिकों ने अहम भूमिका निभाई।
अभियान की सफलता में कई लोगों का योगदान
स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने भी कोविड प्रबंधन व टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। डॉ. के. सुधाकर ने कहा कि दुनिया में सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की सफलता में कई लोगों का योगदान है। वैज्ञानिकों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत के बिना यह संभव नहीं होता। डॉ. सुधाकर ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्ष ने भारत के टीकाकरण अभियान की गति का यह कहते हुए उपहास उड़ाया था कि भारत वर्ष 2024 तक सभी का टीकाकरण करने में सक्षम नहीं होगा। अब परिणाम सबके सामने है।