शनिवार के आंकड़ों के अनुसार अस्पतालों और होटलों की साझेदारी में स्थापित 42 निजी केंद्रों में उपलब्ध 2,611 बिस्तरों में से 599 पर ही मरीज थे। रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्सेस ने भी कुछ केंद्र स्थापित कर रखे हैं। 31 बिस्तरों में से 30 रिक्त हैं।
इसके मद्देनजर बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका के आयुक्त एन. मंजूनाथ प्रसाद ने विधानसभा क्षेत्र स्तर पर फिलहाल अतिरिक्त कोविड देखभाल केंद्र स्थापित नहीं करने के निर्देश दिए हैं।
टास्क फोर्स प्रमुख राजेन्द्र कुमार कटारिया ने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री बी. एस. येडियूरप्पा के साथ हुई बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई थी। गत 10 दिनों से बेंगलूरु शहर में प्रतिदिन औसतन 2000 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 80 फीसदी मरीज असिंप्टोमेटिक हैं और इन 80 फीसदी में से 45 फीसदी लोग होम आइसोलेशन विकल्प चुनते हैं जबकि करीब 15 फीसदी मरीज निजी केंद्रों में भर्ती होते हैं। इसके अलावा करीब 15 फीसदी लोगों को ही सरकारी कोविड देखभाल केंद्रों (सीसीसी) की जरूरत पड़ रही है। कटारिया ने कहा कि 300-350 लोग ही सरकारी सीसीसी में भर्ती होते हैं और करीब इतने ही प्रतिदिन डिस्चार्ज भी होते हैं।
बीबीएमपी आयुक्त ने बताया कि बेंगलूरु अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र स्थित सीसीसी में मरीजों की संख्या बढ़ते ही अन्य केंद्रों को विकेंद्रीकृत करने के विकल्प तलाशेंगे।