235 मरीजों के साथ बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका सर्वाधिक प्रभावित है। गत पांच दिनों में यहां 19 नए मरीज मिले हैं। प्रदेश में ऐसा कोई जिला नहीं है जो एच1एन1 से अप्रभावित हो। बावजूद इसके प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सब कुछ सामान्य और नियंत्रण में होने का दावा कर रहा है। पर आंकड़े कुछ और कहते हैं।
जनवरी से अगस्त तक 39 मरीजों की संख्या बुधवार तक बढ़ कर 1201 हो गई। लेकिन राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ चेस्ट डिसीज के निदेशक डॉ. सी.नागराज इस स्थित को मरीजों की संख्या में इजाफा नहीं बल्कि बेहतर निगरानी प्रणाली और स्वास्थ्य विभाग की सफलता से जोड़ते हैं।
उनके अनुसार पहले की तुलना में ज्यादा मरीजों की पहचान हो रही है। मरीज समय पर ठीक हो रहे हैं। मृत्यु दर में कमी आई है। श्रेय स्वास्थ्य विभाग व इससे जुड़े सभी कर्मचारियों और स्वास्थ्यकर्मियों को जाना चाहिए।
पहले से कम आक्रामक
राष्ट्रीय मच्छर जनित बीमारी नियंत्रण योजना के प्रदेश संयुक्त निदेशक डॉ. सज्जन शेट्टी ने बताया कि इस बार एच1एन1 पहले से कम आक्रामक हंै। हर मरीज को घबराने की जरूरत नहीं है।
लगातार तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत, रक्तचाप में कमी, बलगम में रक्त और रक्त में ऑक्सीजन की कमी जैसे लक्षण वाले मरीज सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार श्रेणी-सी में आते हैं। ऐसे मरीजों पर स्वास्थ्य विभाग की विशेष नजर है।