पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में 90 फीसदी गिरावट
राज्य में लॉकडाउन के कारण पेट्रोलियम उत्पादों में 85 से 90 फीसदी गिरावट हुई है। अब केवल आवश्यक सेवाओं के वाहनों को में ही पेट्रोल तथा डीजल का उपयोग हो रहा है। हालांकि इस दौरान रसोई गैस की मांग में लगभग 40 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है।

बेंगलूरु. अखिल कर्नाटक फेडरेशन ऑफ पेट्रोलियम ट्रेडर्स के अध्यक्ष केएम बसवेगौड़ा के अनुसार राज्य के पेट्रोलियम उत्पाद डिपो में पेट्रोलियम उत्पादों का पर्याप्त भंडारण होने से डिपो में अब पेट्रोल तथा डीजल नहीं मंगावाए जा रहे हैं। कच्चे तेल के उत्पादन पर अचानक रोक लगाना संभव नहीं है। तेल उत्पादक देशों में कच्चे तेल का उत्पादन लगातार हो रहा है।
लेकिन गत 25 दिनों से लॉकडाउन के कारण राज्य में मांग नहीं होने से बंदरगाहों पर पहुंचे तेलवाहक जहाज रिफाइनरी में कच्चे तेल का शुद्धिकरण शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। हालात सामान्य होने में कितने दिन लगेंगे कहना कठिन है। वाहनों की आवाजाही शुरू होने तक पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में वृद्धि नहीं होगी।
बसवेगौड़ा के मुताबिक आनेवाले दिनों में अगर विभिन्न कंपनियां वर्क फ्रॉम होम को बरकरार रखती हैं, तो इससे भी पेट्रोलियम उत्पादों के कारोबार पर असर हो सकता है। इस कारण खपत में गिरावट बनी रहने की संभावना है। इस बीच राज्य में कृषि गतिविधियों को अनुमति मिलने के कारण डीजल की मांग बढऩे की उम्मीद है।ऑटोमोबाइल क्षेत्र में मंदी के कारण नए वाहन नहीं बिक रहे हंै। इस कारण भी मांग कम हो रही है।
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