वाणी विलास सरकारी अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गीता शिवमूर्ति ने गुरुवार को बताया कि एक निजी अस्पताल में प्रसव के बाद बच्ची को 13 अगस्त को बेंगलूरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (बीएमसीआरआइ) में भर्ती कराया गया था। उपचार के बाद 15 सितंबर को उसे डिस्चार्ज किया गया। बच्ची का वजन अब 1.2 किलोग्राम है।
बीएमसीआरआइ पीडियाट्रिक विभाग के प्रमुख डॉ. मल्लेश के. ने बताया कि बच्ची सेप्सिस से भी जूझ रही थी। इसका मतलब होता है फेफड़े, मस्तिष्क या रक्त में संक्रमण। एंटीबायोटिक दवाइयों ने असर दिखाया। उपचार के दौरान बच्ची को मां का दूध दिया जा रहा था। कई बार फॉर्मूला मिल्क की जरूरत भी पड़ी। कोविड से उबरने के बाद कम वजन के उपचार के लिए बच्ची को वाणी विलास के नियोनेटल आइसीयू में उपचाराधीन थी।
बीएमसीआरआइ में ही सहायक प्रोफेसर रविचंद्र ने बताया कि संक्रमण के शुरुआती चरण में बच्ची को सांस लेने में तकलीफ थी। कुछ दिनों तक ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।