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एक डॉक्टर ऐसा भी, जिनकी फीस आपको सोचने पर मजबूर कर देगी

locationबैंगलोरPublished: May 16, 2021 06:14:12 pm

गीता के श्लोक व पिता की सलाह ने बदल दी दिशा

बेंगलूरु. आज के इस दौर में जब चिकित्सा सेवा बेहद महंगी और गरीब आदमी की पहुंच से दूर हो रही है ऐसे में एक डॉक्टर ऐसा भी है जो महज 20 रुपए की फीस पर मरीजों का इलाज कर रहा है।
उत्तर कन्नड़ जिले के कलबुर्गी के जगत इलाके में डॉ. मल्हार राव का क्लीनिक है। वर्ष 1974 में उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। बाद में उन्होंने कई वर्षों तक डॉ. विट्ठल राव पालनीतकर की देखरेख में प्रैक्टिस की। हालांकि बाद में उनका मन बदल गया और उन्होंने 1984 में लॉ की पढ़ाई पूरी की।
एक वकील के रूप में करियर शुरू करने के पहले एक दिन उनके पिता ने गीता का एक श्लोक उनको दिखाया और अर्थ बताया तो मल्हार के जीवन की दिशा बदल गई। उन्होंने निश्चय किया कि वे चिकित्सक बनकर दर्द से कराहते लोगों के आंसू पोछेंगे।
वर्ष 1995 में उन्होंने बतौर चिकित्सक काम शुरू किया और वह भी नि:शुल्क। कुछ साल बाद में उन्होंने फीस दस रुपए कर दिया और वर्षों तक दस रुपए में ही इलाज करने के कारण इलाके में दस रुपए वाले डॉक्टर के नाम से लोकप्रिय हो गए। कुछ माह पहले से वे 20 रुपए की फीस लेने लगे हैं।
मेरी कमाई कम नहीं

चार साल पहले जब डॉ. मल्ले की पुत्री शुभा ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की तो उसने उन्हें फीस बढ़ाने की सलाह दी। पिता ने कहा कि मैंने दस रुपए की फीस लेकर ही तुम्हें पढ़ाया-लिखाया है। मैं प्रतिदिन हजार रुपए कमा रहा हूं, जो पर्याप्त है।
54 बार किया रक्तदान

सेंट जान एम्बुलेंस व रेडक्रॉस सोसायटी से जुडक़र उन्होंने 142 रक्तदान शिविर व मलिन बस्तियों में 62 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया है। वे स्वयं 54 बार रक्तदान कर चुके हैं। उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें मलेशिया में आयोजित 22वें अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव में समाज सेवा के लिए इंटरनेशनल मैन ऑफ द इयर अवार्ड से नवाजा जा चुका है। कर्नाटक के राज्यपाल गोविंद नारायण, वीएस रमादेवी, टीएन चतुर्वेदी व हंसराज भारद्वाज उनका सम्मान कर चुके हैं।
फिलहाल, महज 20 रुपए की फीस लेकर इलाज कर रहे डॉ मल्ले का उत्साह पहले जैसा ही है हालांकि बढ़ती उम्र के कारण उन्हें क्लीनिक का समय कम करना पड़ा है। 75 वर्षीय डॉ मल्ले अब सुबह साढ़े दस बजे से दोपहर एक बजे तक ही मरीजों को देख पाते हैं।
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