क्रोध से पे्रम का नाश होता है-साध्वी
बेंगलूरु. यशवंतपुर स्थानक में विराजित साध्वी प्रतिभाकंवर ने धर्मसभा में कहा कि मनुष्य भव बड़ी मुश्किल से मिला है। इसको सार्थक बनाना है। क्रोध से प्रेम का नाश होता है। क्रोध से बचना चाहिए। इससे पहले साध्वी उदिता ने कहा कि क्रोध तीन प्रकार का होता है। क्षणिक क्रोध, अस्थिर क्रोध स्थिर क्रोध। स्थिर क्रोध सबसे खतरनाक है। अस्थिर क्रोध में एक या दो दिन में हम पहले जैसे हो जाते है। क्षणिक क्रोध कुछ देर के लिए ही रहता है और चला जाता है। हमे भी क्रोध नही करना चाहिए। अगर क्रोध आ भी जाए तो क्षणिक क्रोध ही करना चाहिए। इससे पहले साध्वी महिमा ने गीतिका से प्रवचन की शुरुआत की। संघ मंत्री रमेश बोहरा ने बताया कि साध्वी का यशवंतपुर में दो दिन का प्रवास रहेगा।
बेंगलूरु. यशवंतपुर स्थानक में विराजित साध्वी प्रतिभाकंवर ने धर्मसभा में कहा कि मनुष्य भव बड़ी मुश्किल से मिला है। इसको सार्थक बनाना है। क्रोध से प्रेम का नाश होता है। क्रोध से बचना चाहिए। इससे पहले साध्वी उदिता ने कहा कि क्रोध तीन प्रकार का होता है। क्षणिक क्रोध, अस्थिर क्रोध स्थिर क्रोध। स्थिर क्रोध सबसे खतरनाक है। अस्थिर क्रोध में एक या दो दिन में हम पहले जैसे हो जाते है। क्षणिक क्रोध कुछ देर के लिए ही रहता है और चला जाता है। हमे भी क्रोध नही करना चाहिए। अगर क्रोध आ भी जाए तो क्षणिक क्रोध ही करना चाहिए। इससे पहले साध्वी महिमा ने गीतिका से प्रवचन की शुरुआत की। संघ मंत्री रमेश बोहरा ने बताया कि साध्वी का यशवंतपुर में दो दिन का प्रवास रहेगा।