मेंगलूरु.
पिलिकुला जैविक उद्यान (पीबीपी) ने विजयदशमी के दिन सोमवार को अपने सबसे लोकप्रिय रॉयल बंगाल टाइगर विक्रम (21) को खो दिया। विक्रम कुछ माह से उम्र संबंधित बीमारियों से जूझ रहा था। विक्रम को वर्ष 2003 में पीबीपी लाया गया था। उस समय उसकी उम्र चार वर्ष थी।
पीबीपी के निदेशक एच. जयप्रकाश भंडारी ने बताया कि आम तौर पर बाघ 16 से 18 वर्ष तक जीवित रहते हैं। विक्रम से पहले दो और बाघ की मौत हुई है। ये दोनों बाघ भी 20 वर्ष के हो चुके थे। तीनों बाघों की मौत उम्र सबंधित बीमारियों से हुई। विक्रम सबसे ज्यादा दिखने वाला बाघ था। उसकी कमी सभी को खलेगी। करीब एक सप्ताह से खाना-पीना त्याग रखा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गुर्दा खराब होने से मौत की बात सामने आई है।
केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण के प्रोटोकॉल के अनुसार बाघ के शव को दफनाया गया। ऊतक के नमूने जांच के लिए बेंगलूरु भेजे गए हैं।