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एक राष्ट्र-एक चुनाव से खुलेगा तानाशाही का द्वार

locationबैंगलोरPublished: Jul 13, 2018 10:31:54 pm

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य सभा सदस्य जयराम रमेश ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराए जाने का विरोध करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह प्रस्ताव भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में देश में तानाशाही का द्वार खोल देगा।

एक राष्ट्र-एक चुनाव से खुलेगा तानाशाही का द्वार

एक राष्ट्र-एक चुनाव से खुलेगा तानाशाही का द्वार

बेंगलूरु. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य सभा सदस्य जयराम रमेश ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराए जाने का विरोध करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह प्रस्ताव भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में देश में तानाशाही का द्वार खोल देगा।


यहां गुरुवार को एक सामाजिक संगठन की ओर से लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव साथ कराए जाने के मुद्दे पर आयोजित परिचर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि जब जीएसटी लागू हुआ तब प्रधानमंत्री ‘एक राष्ट्र-एक कर’ का नारा लगा रहे थे। अब ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ का संदेश प्रचारित-प्रसारित कर रहे हैं। लेकिन, यह एक व्यक्ति के सत्ता एवं तानाशाही का द्वार खोलने वाला साबित होगा।

उन्होंने हिटलर की उक्ति ‘एक संस्कृति-एक नेता’ का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जर्मन तानाशाह के पदचिन्हों पर ही चलने की प्रवृत्ति दिखा रहे हैं। वे एक राष्ट्र-एक चुनाव-एक नेता की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं जबकि भारत की चुनावी राजनीति पार्टी आधारित है। मोदी की विचारधारा व्यक्तिवादी राजनीति को बढ़ावा देगी जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। एक राष्ट्र-एक चुनाव की अवधारणा लोकतांत्रिक भावना के खिलाफ है जो देश की संघीय व्यवस्था को नष्ट कर देगी।

उन्होंने कहा कि चुनाव जवाबदेही तय करने के लिए होते हैं। एक राष्ट्र-एक चुनाव की अवधारणा से राज्य विधानसभा चुनावों की अनदेखी होगी जो लोकसभा चुनावों के विपरीत स्थानीय मुद्दे पर लड़े जाते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमला बोलते हुए जयराम रमेश ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेहरू और पटेल एकता के लिए लड़े वहीं संघ एकरूपता के लिए लड़ रहा है। एक राष्ट्र-एक चुनाव का विचार एकरूपता को मजबूत करेगा और एकता को कमजोर करेगा। देश को एकरूपता नहीं एकता चाहिए। बढ़ते चुनावी खर्चे पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए चुनावी सुधार प्रक्रिया पर चर्चा होनी चाहिए। चुनाव सरकारी खर्च पर कराने पर बातचीत हो सकती है लेकिन एक राष्ट्र-एक चुनाव किसी भी तरह से इस समस्या का समाधान नहीं है।

असंगत हो जाएंगे विधानसभा चुनाव: शास्त्री
राजनीतिक विश्लेषक संदीप शास्त्री ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने से राज्यों के चुनाव असंगत हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि सामान्यत: राज्य विधानसभा चुनावों में आम चुनाव की तुलना में 3 से 4 फीसदी अधिक मतदान होते हैं। वहीं लोकसभा और विधानसभा चुनावों का संदर्भ भी बिल्कुल अलग होता है।

अगर इन दोनों को एक साथ मिला दिया जाए तो विधानसभा चुनाव असंगत हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा करना लोकतंत्र की अवधारणा के विपरीत होगा। स्वतंत्रता सेनानी एचएस दोरैस्वामी ने कहा कि मोदी का कांग्रेस मुक्त भारत का नारा गैर लोकतांत्रिक है। वे कांग्रेस को खत्म करना चाहते हैं लेकिन उनका यह विचार लोकतंत्र के खिलाफ है क्योंकि वे विपक्ष को ही खत्म करने का इरादा रखते हैं।

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