scriptदूसरे जत्थे के हाथियों में अभिमन्यु सबसे वजनी | Abhimanyu the eldest of the elephants of the second group | Patrika News

दूसरे जत्थे के हाथियों में अभिमन्यु सबसे वजनी

locationबैंगलोरPublished: Sep 16, 2018 06:44:36 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

दूसरे जत्थे के छह हाथियों को अब विशेष आहार दिया जाएगा ताकि वे दशहरा महोत्सव तक पूरी तरह से तंदरुस्त हो सकें

mysuru dasara

दूसरे जत्थे के हाथियों में अभिमन्यु सबसे वजनी

मैसूरु. दशहरा महोत्सव में शामिल होने के लिए मैसूरु पहुंचे छह हाथियों के दूसरे जत्थे का शनिवार को वजन मापा गया जिसमें 4930 किग्रा वजन के साथ अभिमन्यु सबसे वजनी हाथी रहा। वहीं बलराम का वजन 4910 किग्रा, प्रशांत का 4650 किग्रा, द्रोण का 3900 किग्रा, कावेरी का 2830 किग्रा एवं विजया का 2790 किग्रा रहा।
इसके पूर्व पहले जत्थे में शामिल छह हाथियों में स्वर्ण हौदा लेकर चलने वाले अर्जुन का वजन 56 50 किग्रा था। इस प्रकार कुल बारह हाथियों में सर्वाधिक वजन अर्जुन का है। हाथियों के वजन के आधार पर उनके आगे के आहार की मात्रा और गुणवत्ता निर्भर करती है। दूसरे जत्थे के छह हाथियों को अब विशेष आहार दिया जाएगा ताकि वे दशहरा महोत्सव तक पूरी तरह से तंदरुस्त हो सकें। अगले एक महीने तक इन सभी हाथियों को बेहतर खानपान दिया जाएगा जिससे विजयदशमी जुलूस के दौरान वे अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा सकें।
दशहरा महोत्सव में शामिल होने वाले हाथियों का संतुलित वजन होना बेहद महत्वपूर्ण होता है क्योंकि उन्हें महोत्सव के दौरान लम्बे प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। पशु चिकित्सक डॉ. डीएन नागराजू ने कहा कि एक हाथी का वजन अपने आहार की गुणवत्ता और मात्रा पर निर्णय लेने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे यह सुनिश्चित करने में आसानी होती है कि उन्हें जंबो सावरी के दिन 10 किलोमीटर की कठिन यात्रा से गुजरने के लिए पर्याप्त ताकत मिले। इसके अतिरिक्त जुलूस के पूर्व भी हाथियों को घंटों इंतजार करना पड़ता है, इसलिए उन्हें पूरी तरह से चुस्त-दुरुस्त रखना अनिवार्य है।

शुरू हुआ हाथियों का प्रशिक्षण
दूसरे जत्थे के हाथियों का शनिवार को प्रशिक्षण आरंभ हुआ। वे पहले से मौजूद छह हाथियों के साथ नियमित प्रशिक्षण चरण में शामिल हुए जिसके तहत मैसूरु महल परिसर से बन्नीमंटपा तक का सफर तय किया। वहीं पहले जत्थे के हाथियों को अब वजन उठाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अर्जुन सहित अन्य हाथियों की पीठ पर रेत की बोरियां लादकर उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो