एसीबी अधिकारियों के अनुसार महाराष्ट्र के सांगली जिला निवासी नन्द कुमार एक कंपनी चलाता है। इस कंपनी के जरिए शुद्ध पेयजल इकाइयों को लगाने और मरम्मत का काम ठेके पर लिया जाता है। कंपनी के जरिए बागलकोट और जमखंडी के उपसंभाग के अंतर्गत कई गांवों में इकाई को लगाने और मरम्मत का कार्य गत वर्ष जुलाई से दिसंबर तक पूरा किया था।
नंद कुमार ने इस कार्य के लिए बिल भुगतान के लिए एक पत्र लिखा खथा। पत्र का कोई जवाब नहीं मिलने पर उसने कंपनी के कार्यकारी अभियंता धन्य कुमार, सहायक कार्यकारी अभियंंता एस दिनेश और सहायक कार्यकरी अभियंता महेन्द्रकर से मुलाकात की। तीनों ने ३२ लाख रुपए के कुल १८ चेक में से पहले नौ चेक और फिर दूसरे चरण में नौ चेक देने की बात कही। दो चरणों में चेक जारी करने के लिए तीनों ने १९ लाख रुपए रिश्वत देने की बात कही।
नन्द कुमार ने पहले चरण के चेक के लिए सौदा दो लाख रुपयों में तय किया। फिर इसकी शिकायत एसीबी पुलिस थाने में की। बुधवार दोपहर तीनों अभियंता रिश्वत की रकम आपस में बांट रहे थे तभी एसीबी दल ने धन्य कुमार, दिनेश और महेन्द्रकर को पकड़ लिया। तीनों के खिलाफ बागलकोट पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।
उप पंजीयक समेत तीन गिरफ्तार
चिकमगलूर जिले में एसीबी ने एक व्यक्ति से रिश्वत लेते समय कड़ूर तहसील के उप पंजीयक हेमेश, कंप्यूटर आपरेटर सतीश और स्टाम्प कागजात के व्यापारी प्रसन्न कुमार को गिरफ्तार किया है। एसीबी अधिकारियों के अनुसार कडूर तहसील ब्यागडेहल्ली निवासी चन्द्रशेखरप्पा की भतीजी सीतम्मा विकलांग है। उसका पति गत वर्ष स्वर्गवास हो गया था। सीतम्मा की परवरिश चन्द्रशेखरप्पा और दूसरा भाई एकांता राज करते हैं।
सीतम्मा ने अपना इलाज कराने के लिए एक भूखंड बेचने, दूसरी भूखंड अपने नाम और अन्य दो भूखंड चन्द्रशेखरप्पा और एकांता राज के नाम करने का फैसला लिया। सीतम्मा चन्द्रशेखरप्पा और एकांता राज के साथ पंजीकृत कार्यालय गई। प्रसन्न कुमार ने तीनों को हेमेश और सतीश से परिचय कराया। तीनों भूमि पंजीयन करने के लिए २०,००० रुपए रिश्वत मांगी गई। सीतम्मा ने बुधवार शाम आने की बात कही और लौट आई। उसने एसीबी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। बुधवार दोपहर एसीबी अधिकारियों ने रिश्वत लेते समय तीनों हेमेश, सतीश और प्रसन्न कुमार को गिरफ्तार किया। इनके खिलाफ कडूर पुलिसथाने में मामला दर्ज किया गया है।
ग्राम लेखापाल गिरफ्तार
कोलार जिला एसीबी अधिकारियों ने एक युवक से ३,००० रुपए रिश्वत लेते समय रामसागर ग्राम पंचायत के लेखापाल टी. गोपालप्पा को गिरफ्तार किया। एसीबी अधिकारियों के मुताबिक केजीएफ तहसील क्यासंबल्ली गांव निवासी मोहन कृष्ण की पत्नी रूपा एक हादसे का शिकार हो गई थी।
महादेवपुर गांव में उसके नाम सात गुन्टे भूमि थी। इस भूमि को अपने नाम करने के लिए मोहनकृष्ण ने बंगारपेट तहसीलदार कार्यालय में अर्जी दी थी। यह अर्जी तहसीलदार कार्यालय से रामसागर ग्राम पंचायत कार्यालय भेजी गई थी। गोपलय्या ने इस अर्जी को निपटाने के लिए ३,००० रुपए की मांग की। मोहन कृष्ण ने कोलार एसीबी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। बुधवार सुबह गोपलय्या को रिश्वत लेते समय उसे गिरफ्तार किया गया।