ब्यूरो के बेंगलूरु शहरी जिले के पुलिस अधीक्षक गिरीश ने बताया कि पहली बार एसीबी ने नागरिकों के सरकारी दफ्तरों में उत्पीडऩ से संंबंधित शिकायतों को सुना। इतना ही नहीं एक सप्ताह में इन समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा। उन्होंने बुधवार को बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के मुख्यालय में सफाई और अन्य कर्मचारियों की शिकायतें सुनीं।
उन्होंने कहा कि नब्बे फीसदी सफाई कर्मचारियों ने कई माह से वेतन नहीं मिलने और वेतन के लिए रिश्वत की मांग की शिकायतें की हैं। बीबीएमपी से वेतन जारी होने के बावजूद वेतन नहीं मिलने की शिकायतें भी मिली हैं।
कुछ कर्मचारियों ने वरिष्ठ अधिकारियों और सहायक कार्यकारी इंजीनियरों द्वारा बी खाते बनाकर नक्शों की मंजूरी देने, सरकारी भूमि पर अवैध रूप सेे आवास व भवानों को निर्मित करने की शिकायतें भी दी हैं। उन्होंने बताया कि शहर के कई झोंपड़पट्टी इलाकों में कई सालो से रह रहे लोंगो को जबरन हटाकर बाहर से आए लोंगों को भूखंड बेचने के गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि एसीबी के अन्य अधिकारियों ने बेंगलूरु विकास प्राधिकरण (बीडीए), बेंगलूरु बिजली आपूर्ति कंपनी (बेसकाम), बेंगलूरु महानगर परिहवन निगम (बीएमटीसी), बेंगलूरु जल बोर्ड और बेंगलूरु मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (बीएमआरसीएल) के कर्मचारियों की समस्याओं और वरिष्ठ अधिकारियों को उत्पीडऩ की शिकायतों को सुना गया। इन सभी शिकायतों और समस्याओं का हल तलाश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एसीबी के अधिकारी नागरिकों के साथ सरकारी कार्यालय जाकर उनके काम करवाएंगे।
अभी तक एसीबी पर कई तरह के आरोप लगाए गए। मसलन, वहां कुछ काम नहीं हो रहा, इसलिए एसीबी नागरिकों के सहयोग से उनकी समस्याओं का निवारण कर भ्रष्टाचार को नियंत्रण में करेगा। शीघ्र ही सभी जिलों में एसीबी के अधिकारी नागरिकों के साथ बैठकें कर उनकी समस्याओं को हल किया जाएगा।