scriptआचार्य तीर्थंकर प्रतिनिधि या तीर्थंकर तुल्य | Acharya is called Tirthankara representative or Tirthankar equivalent. | Patrika News

आचार्य तीर्थंकर प्रतिनिधि या तीर्थंकर तुल्य

locationबैंगलोरPublished: Oct 18, 2019 06:45:41 pm

Submitted by:

Yogesh Sharma

कुम्बलगोडु में धर्मसभा में बोले आचार्य महाश्रमण

आचार्य तीर्थंकर प्रतिनिधि या तीर्थंकर तुल्य कहलाते हैं

आचार्य तीर्थंकर प्रतिनिधि या तीर्थंकर तुल्य कहलाते हैं

बेंगलूरु. आचार्य महाश्रमण ने कहा कि साधु और श्रावक को आगम में श्रद्धा रखनी चाहिए। आगम की भाषा तीर्थंकरों की वाणी पर आधारित होती है। तीर्थंकरों की वाणी नय युक्त होती है। इसमें परिवर्तन करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। आचार्य ने एक जिज्ञासा के समाधान में कहा कि आचार्य को तीर्थंकर तुल्य इसलिए कहा जाता है कि वर्तमान में तीर्थंकर नहीं हैं और आचार्य ही आगम संबंधी,आचार संबंधी और तत्व बोध के निर्णय देने के अधिकारी होते हैं। तीर्थंकर तीर्थ की स्थापना करते हैं, परंतु वर्तमान काल में आचार्य ही साधु को दीक्षा आदि व्रत प्रदान करते हैं तो वे तीर्थंकर प्रतिनिधि या तीर्थंकर तुल्य कहलाते हैं।
आचार्य तीर्थंकर प्रतिनिधि या तीर्थंकर तुल्य कहलाते हैं
आचार्य ने कहा कि तीर्थंकर पूर्ण वीतराग होते हैं, परंतु आचार्य आदि वीतराग नहीं होते परंतु कसाय मंदता के द्वारा वीतरागता की ओर बढऩे का प्रयास करते हैं। तीर्थंकरों के पास केवल्य ज्ञान होता है और आचार्यों के पास श्रुत ज्ञान रहता है। आचार्य आगम के आधार पर प्रवचन करते हैं जो वाणी तीर्थंकरों ने कही है। उसी के आधार पर जनमानस को उद्बाधन प्रदान करते हैं।
आचार्य तीर्थंकर प्रतिनिधि या तीर्थंकर तुल्य कहलाते हैं
प्रवचन में आचार्य ने उपस्थित समणियों से आगम के बारे में प्रश्नोत्तर किया।
प्रवचन के दौरान तेरापंथ धर्मसंघ की वयोवृद्ध साध्वी बिदामा के 101 वर्ष पूर्ण कर 102 में वर्ष के प्रवेश के अवसर पर “एक सदी की जीवन यात्रा” पुस्तक का लोकार्पण व्यवस्था समिति अध्यक्ष मूलचंद नाहर, महामंत्री दीपचंद नाहर आदि द्वारा किया गया। आचार्य ने साध्वी के लिए मंगल कामना करने करते हुए कहा कि विरले लोग होते हैं जो जीवन के 100 वर्ष पूर्ण करते हैं।

आचार्य तीर्थंकर प्रतिनिधि या तीर्थंकर तुल्य कहलाते हैं
प्रवचन में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कटारिया ने तेरापंथ टास्क फोर्स कार्यशाला का अवसर पर कहा कि एनडीआरएफ और तेरापंथ युवक परिषद का संयुक्त उपक्रम जिसमें युवा आपदा की स्थिति से निपटने के लिए तैयार हो रहे हैं। यह अपने आप में विशिष्ट बात है। संपूर्ण देश भर में तेरापंथ टास्क फोर्स की 11 बटालियन स्थापित हो चुकी है एवं इसके द्वारा होने वाले कार्यो की जानकारी भी प्रदान की।

प्रवचन में यातायात उप पुलिस अधीक्षक एन.के.रमेश ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी एवं आचार्य प्रवर से आशीर्वाद ग्रहण किया। एनडीआरएफ के कर्नाटका बटालियन के कमांडर केशव ने कहा कि जिस प्रकार तेरापंथ टास्क फोर्स के सदस्य तैयार हो रहे हैं। यह एनडीआरएफ के कार्यों को काफी मात्रा में सहायता प्रदान करने वाले साबित होंगे। उन्होंने आचार्य प्रवर के चरणों में वंदना अर्ज करते हुए आशीर्वाद ग्रहण किया। संचालन मुनि दिनेशकुमार ने किया।
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