ध्यान के महान योगी हैं आचार्य : चारुकीर्ति
पखवाड़े भर के स्मरणीय प्रवास के बाद आचार्य पुष्पदन्त सागर का रविवार को धर्मस्थल क्षेत्र के लिए विहार हो गया। स्वस्ति चारुकीर्ति भट्टारक के नेतृत्व में एवं प्रज्ञासागर सहित अन्य साधु-संतों के सान्निध्य में विदाई समारोह का आयोजन हुआ।

श्रवणबेलगोला. पखवाड़े भर के प्रवास के बाद आचार्य पुष्पदन्त सागर का धर्मस्थल क्षेत्र के लिए विहार हो गया। स्वस्ति चारुकीर्ति भट्टारक स्वामी के नेतृत्व में एवं प्रज्ञासागर सहित अन्य साधु-संतों के सान्निध्य में विदाई समारोह का आयोजन हुआ।
विदाई समारोह में स्वामी ने आचार्य से क्षमापना की एवं वर्ष 2019 का चातुर्मास श्रवणबेलगोला में करने का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि आचार्य ध्यान के महान योगी हैं।
घंटों ध्यान की मुद्रा में बैठकर ध्यानस्थ हो जाते हैं। चंद्रगिरि में भी गुफा में कई घंटो ध्यान में लीन रहे। आचार्य की साधना अनुकरणीय एवं पूजनीय है। इसलिए हम चाहते है आचार्य एक चातुर्मास यहां जरूर करें, जिससे उनकी साधना को नए आयाम मिले।
विदाई अवसर पर आचार्य पुष्पदन्त सागर ने चारुकीर्ति भट्टारक की सराहना की। उन्होंने कहा कि आपके कारण ही श्रवणबेलगोला में साधु, संत बिना कोई शर्त और रोकटोक के आ सकते हैं। ये सिर्फ श्रवणबेलगोला में ही देखने को मिलता है। यहां हर कोई साधु की सेवा में तत्पर रहता है।
इस अवसर पर धर्मस्थल क्षेत्र से पधारे भक्तों ने आचार्य को श्रीफल भेंट कर धर्मस्थल मस्तकाभिषेक में आने का निवेदन किया। पारंपरिक लोकनृत्य करते कलाकारों द्वारा विशाल शोभायात्रा के साथ आचार्य पुष्पदन्त सागर को मंगल विदाई दी गई।
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