आचार्य जयमल के सिद्धांत अविस्मरणीय
बैंगलोरPublished: Sep 24, 2018 07:20:41 pm
जय परिसर महावीर धर्मशाला में आचार्य का जन्मोत्सव मनाया
आचार्य जयमल के सिद्धांत अविस्मरणीय
बेंगलूरु. जय परिसर महावीर धर्मशाला में आयोजित आचार्य जयमल के 311वें जन्मोत्सव पर जयधुरन्धर मुनि ने कहा कि भारत की पावन वसुन्धरा ने अनादिकाल में समय समय पर अनेक महापुरुषों को अवतरित करने का गौरव प्राप्त
किया है।
उन्होंने कहा कि जब जब भी इस तपो भूमि पर अत्याचार, अन्याय, अनीति का बोलबोला बढऩे से जन जीवन विनाश के कगार पर पहुंचने लगता है, तब तब कोई न कोई महापुरुष इस धरती पर जन्म लेकर उन अत्याचारों का शमन करता है। ऐसी विषमता की आग में आचार्य जयमल ने जिनशासन की रक्षा की। उनका आचार विचार, सिद्धांत, कार्यक्षमता, अनुपमय अद्वितीय अविस्मरणीय रहा। जयकलश मुनि ने गुरु गुणगान करते हुए गीतिका प्रस्तुत की। जयपुरंदर मुनि ने भी विचार व्यक्त किए। महिला मंडल, बहु मंडल व जेपीपी महिला फाउंडेशन चेन्नई ने गुरु भक्ति पर संगान किया। संघ अध्यक्ष मीठालाल मकाणा ने स्वागत किया। जन्मोत्सव को तप, त्यागपूर्वक मनाते हुए 311 सामूहिक उपवास, एकासन के तेले, शीलव्रत सहित अनेक प्रत्याख्यान हुए। जेपीपी महिला फाउंडेशन ने 622 डायलिसिस के लिए सहयोग राशि दी। सभा में रणजीतमल कानूंगा, गौतमचंद धारीवाल, दीपचंद भंसाली सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
नाटिका से जयमल चारित्र पर डाला प्रकाश
इस अवसर पर ‘जयमल चारित्र पर आधारित लांछादे दीक्षा नाटिका का मंचन किया गया। सूत्रधार के रूप में कविता लुंकड़, योजना चोरडिय़ा ने भूमिका निभाई जबकि नेहा बोहरा, अमिता नाहर, आशा श्रीश्रीमाल, विकास बोहरा, महावीर बिलवाडिय़ा, सुरेन्द्र बेताला, रविन्द्र चोरडिय़ा, गौरव लोढ़ा ने विभिन्न पात्रों का मोहक मंचन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में चेतन कोठारी व टीम ने गुरु भक्ति गीतों का संगान किया। वहीं, सरला मकाणा, भावना मकाणा एवं पूजा कांकरिया के निर्देशन में बच्चों ने साधु वंदना पर नाटिका का प्रदर्शन किया। नाटिका में आचार्य जयमल के जीवन सिद्धांतों को दर्शाया गया जिसकी उपस्थित लोगों ने भूरी भूरी प्रशंसा की । सभा में आचार्य जयमल के जयकारे लगाए गए और श्रद्धालुओं ने उन्हें महान संत बताया जो युगातीत स्मरित हैं ।