बैंगलोर

मनुष्य जीवन में एकाग्रता का बड़ा महत्व

आचार्य महाश्रमण केजीएफ पहुंचे

बैंगलोरJun 07, 2019 / 11:25 pm

Rajendra Vyas

मनुष्य जीवन में एकाग्रता का बड़ा महत्व

बेंगलूरु. जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण ने अपनी धवल सेना के साथ शुक्रवार को कोलार जिले के के.जी.एफ. (कोलार गोल्ड फील्ड) में प्रवेश किया। शुक्रवार को हजारों लोगों की उपस्थिति में महातपस्वी के मंगल पदार्पण ने इस नगरी को जीवंत कर दिया।
सुबह आचार्य महाश्रमण के प्रस्थान से पूर्व केजीएफ के सैंकड़ों श्रद्धालु आचार्य के सान्निध्य में पहुंच चुके थे। आचार्य ने अपनी धवल सेना के साथ निर्धारित समय पर मंगल प्रस्थान किया। पूरा वातावरण जयघोषों से गूंज रहा था। आचार्य जैसे-जैसे के.जी.एफ.के निकट होते जा रहे थे, श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही थी।
आचार्य ने जैसे ही इस नगर की सीमा में प्रवेश किया तो हजारों श्रद्धालुओं ने आचार्य का भावभीना अभिनन्दन किया। रास्ते में अनेक श्रद्धालुओं को दर्शन देते आचार्य नगर में स्थित मंगलचंद बांठिया के निवास स्थान पर पहुंचे। आचार्य के प्रवास स्थल के निकट एकिंग जॉर्ज हॉल में मुख्य प्रवचन के साथ कर्नाटक स्तरीय स्वागत समारोह का कार्यक्रम आयोजित था।
कार्यक्रम के शुभारम्भ में साध्वीप्रमुखा ने उपस्थित श्रद्धालुओं को मंगल संबोध प्रदान किया। आचार्य महाश्रमण ने कहा कि आदमी के जीवन में एकाग्रता का बहुत महत्व है।
एकाग्रता मानव जीवन की एक शक्ति होती है। एकाग्रता का संबंध आदमी के मन से और कुछ अंशों में तन से जुड़ा होता है। थोड़े समय में ही आदमी के मन में कितने विचार आ जाते हैं। आदमी एकाग्रता का लक्ष्य बनाए तो अनावश्यक विचारों के आने में कमी आ सकती है। धर्म जगत में ध्यान की बात बताई गई है। ध्यान की आत्मा एकाग्रता है।
विभिन्न विषयों पर घूमने वाला मन व्यग्र और एक विषय पर केन्द्रित मन एकाग्र होता है। इसलिए आदमी को ध्यान, साधना द्वारा अपने मन को साधने का प्रयास करना चाहिए। जो आदमी मन को साध लेता है वह मानों बहुत बड़ी उपलब्धि प्राप्त कर सकता है।
आचार्य ने के.जी.एफ. में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए केजीएफ व कर्नाटकवासियों को मंगल आशीष प्रदान की। कर्नाटक स्तरीय स्वागत समारोह का शुभारम्भ हुआ तो सर्वप्रथम बेंगलूरु चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मूलचंद नाहर, मंगलचंद बांठिया, के.जी.एफ. महिला मंडल की मंत्री भंवरी बाई, महेन्द्र मुणोत, के.जी.एफ. तेरापंथी सभा के मंत्री सोहनलाल बांठिया, डॉ. राजेन्द्र कुमार, मनीष सेठिया, के.जी.एफ. युवक परिषद अध्यक्ष कमलेश हिंगड़, मूर्तिपूजक समाज के श्रीपाल ने विचार व्यक्त किए।
इसके अलावा केजीएफ युवक परिषद, समस्त महिला मंडल-बेंगलूरु, ज्ञानाशाला की प्रशिक्षिकाओं व समस्त युवक परिषद बेंगलूरु ने अपने-अपने गीतों के माध्यम से अपने आराध्य की अभिवन्दना की। के.जी.एफ. कन्या मण्डल और किशोर मण्डल ने अपनी संयुक्त प्रस्तुति दी। ज्ञानाशाला के ज्ञानार्थियों ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से अपने आराध्य की अभ्यर्थना की।
संजय बांठिया ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेशकुमार ने किया। इस मौके पर व्यवस्था समिति से महामंत्री दीपचंद नाहर, कोषाध्यक्ष प्रकाश लोढ़ा उपस्थित थे।
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