scriptबहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे आचार्य मिश्रीमल: साध्वी चैतन्याश्री | Acharya Misrimal was rich in a multifaceted personality: Sadhvi | Patrika News

बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे आचार्य मिश्रीमल: साध्वी चैतन्याश्री

locationबैंगलोरPublished: Aug 12, 2022 08:25:18 am

तप-त्याग से मनाई जयंती

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बेंगलूरु. वर्धमान श्वेतांबर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, शांति नगर के तत्वावधान में भीखीबाई पूनमचंद लुणावत जैन स्थानक में साध्वी चैतन्याश्री के पावन सान्निध्य में मरुधर केसरी मिश्रीमल की 132वीं जयंती तप-त्याग पूर्वक मनाई गई।

शांतिनगर संघ में साध्वीवृंद के सान्निध्य में प्रथम बार उपवास की पंचरंगी की साधना जयंती के उपलक्ष में संपन्न हुई। इस अवसर पर साध्वी चैतन्याश्री ने गुणानुवाद करते हुए कहा कि मरुधर केसरी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व महान प्रभावशाली था। उनका जीवन भी उनके नाम के समान बाहर से कठोर लेकिन अंदर से मधुर। उनका बहुआयामी व्यक्तित्व था। वे जनमानस में कडक़ मिश्री के नाम से जाने जाते थे। अपने संयम की साधना आराधना में वे हर क्षण सदैव सजग एवं जागरूक रहते थे। आपके सानिध्य में अनेक साधु सम्मेलन हुए। जिनका संचालन करते हुए श्रमण संघ की एकता, संगठन में विकास में अपना अपूर्व योगदान दिया।
इस अवसर पर शांतिनगर संघ की ओर से भी मरुधर केसरी मिश्रीमल की जयंती के अवसर पर उनके गुण स्मरण किए गए। संचालन शांति नगर संघ के सह मंत्री कांतिलाल सोलंकी ने किया।

समता को धारण करने वाला दूसरों पर दोषारोपण नहीं करता: गणिवर्य
बेंगलूरु. आदिनाथ जैन श्वेताम्बर संघ, चिकपेट (Adinath Jain Shvetambara Sangha, Chickpet) में गणिवर्य अमरपद्मसागर ने जैन ग्रंथ उपमिति भव प्रपंच कथा की वाचना की। प्रवचन में कहा कि वीरती का जो सच्चा उपासक होता है वो देशवीरती से सर्ववीरती में जा सकता है।
जैन रामायण पर अंजना के चरित्र पर विवेचन करते हुए कहा कि जो समता को धारण नहीं करता वही दूसरों पर दोषारोपण करता है।
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