scriptआचार्य ने बताया 18 अभिषेक का महत्व | Acharya told the importance of 18 Abhishek | Patrika News

आचार्य ने बताया 18 अभिषेक का महत्व

locationबैंगलोरPublished: Dec 09, 2021 07:29:09 am

Submitted by:

Yogesh Sharma

ध्वजारोहण के दूसरे दिन धर्मसभा

आचार्य ने बताया 18 अभिषेक का महत्व

आचार्य ने बताया 18 अभिषेक का महत्व

बेंगलूरु. शीतलनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट चामराजपेट में विराजित आचार्य महेंद्रसागर सूरी आदि ठाणा की निश्रा में शीतलनाथ जिनालय पर तृतीय ध्वजारोहण के उपलक्ष में आयोजित महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को मंदिर में 18 अभिषेक किया गया। इस अवसर पर आचार्य ने कहा कि 18 अभिषेक एक उत्कृष्ट कोटि का विधान है। जल पूजा विघ्न विनाशिनी पूजा कही जाती है। देवों और इन्द्रों के द्वारा मेरु पर्वत पर परमात्मा का जन्म अभिषेक किया तब विभिन्न तीर्थों, समुद्रों, नदियों का जल लाया गया था और भिन्न-भिन्न औषधियां भी मिलाई थीं। उसी के अनुकरण के रूप में भक्तों को भी अलग-अलग सुगंधित औषधियां जल में मिलाकर उसी जल के द्वारा अ_ारह पाप स्थानकों की मुक्ति के लिए 18 अभिषेक का मंगल विधान करना चाहिए। देवों ने जैसे भावों से परमात्मा का अभिषेक किया था। उससे भी बढकऱ भावोल्लास लाकर अभिषेक विधान करने वाली आत्मा खुद की आत्मा पर लगे कर्मों को धोकर निज स्वरूप को प्राप्त करने वाली बनती है। अभिषेक प्रभु का और कर्मनाश खुद की आत्मा का होता है। त्रिलोकीनाथ पर किया जाने वाला यह अनुष्ठान इस दृष्टि से बहुत ही प्राचीन है। प्राचीन काल में प्रतिमा का सिर्फ अभिषेक करने से ही प्रतिमा को वंदनीय पूजनीय बनाने की परंपरा थी।
मदनमुनि का देवलोक गमन
गुणानुवाद सभा कल गणेश बाग में
बेंगलूरु. श्वेताम्बर स्थानकवासी बावीस संप्रदाय जैन संघ ट्रस्ट, गणेशबाग संघ के तत्वावधान में एवं श्रमण संघीय उप प्रवर्तिनी सुमित्रा आदि ठाणा 6, साध्वी सुधाकंवर आदि ठाणा, साध्वी दर्शनप्रभा आदि ठाणा, डॉ. रुचिकाश्री आदि ठाणा व पुनित ज्योति के सान्निध्य में शुक्रवार को गुणानुवाद सभा का आयोजन होगा। मदन मुनि ‘पथिक’ के संथारा सहित देवलोकगमन पर गुणानुवाद सभा शुक्रवार सुबह 9 बजे से गणेश बाग में होगी। उप प्रवर्तक कोमल मुनि ने गुरुदेव मदन मुनि को मंगलवार दोपहर 3.30 बजे संथारा का पचखाण कराया और रात 9.15 बजे संथारा पूर्वक अपनी देहत्याग दी। मदन मुनि का अंतिम संस्कार गुरुवार सुबह 11 बजे मदन पथिक विहार धाम, घोड़ा घाटी (नाथद्वारा के पास) गुरुवार सुबह होगा।
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