उन्होंने कहा कि आचार्य की दूरदर्शिता, धैर्य और साहस का फलित समण श्रेणी है। समण श्रेणी ने देश-विदेशों में महावीर वाणी की सुवास को फैलाने का अद्भुत कार्य किया है। साध्वी सहजयशा ने गुरुदेव के कृतित्व, व्यक्तित्व पर विचार व्यक्त किए। सभाध्यक्ष बंशीलाल, पितलिया, उम्मेद नाहटा, तेयुप अध्यक्ष दिनेश मरोठी, महिला मंडल अध्यक्ष सरोज देवी टांटिया सहित अनेक वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए। संचालन साध्वी स्वस्थ प्रभा ने किया।
लक्ष्य की प्राप्ति ही सबसे बड़ी लक्ष्मी
बेंगलूरु. जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में जय परिसर महावीर धर्मशाला में जयधुरन्धर मुनि ने कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति होना ही लक्ष्मी का सच्चा अर्थ है। उन्होंने कहा कि राजकुमार के लिए राजलक्ष्मी, विद्यार्थी के लिए विद्या लक्ष्मी, रोगी के लिए आरोग्य लक्ष्मी, पति के लिए गृह लक्ष्मी एवं आत्मार्थी के लिए मोक्ष लक्ष्मी ही लक्ष्मी का रूप होती है। लक्ष्मी पुण्य की दासी होती है।
जिसका जितना पुण्य प्रबल होता है उसे उतनी ही लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पुण्य एवं पुरुषार्थ दोनों की आवश्यकता होती है। इस अवसर पर मंजू बाफना ने १३ उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। संघ द्वारा उनका सम्मान किया गया। संचालन रविंद्र चोरडिया ने किया। जयपुरन्दर मुनि ने जयमल जीवन चारित्र पर सरस विवेचन किया।
माली समाज बनशंकरी ट्रस्ट के अध्यक्ष बने रामेश्वरलाल
बेंगलूरु. माली (सैनी) समाज बनशंकरी ट्रस्ट के तत्वावधान में समाज भवन में साधारण सभा आयेाजित की गई। सभा में रामेश्वरलाल सोलंकी को सर्वसम्मति से निर्विरोध अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने समाज बंधुओं को संबोधित करते हुए समाज की तन-मन-धन से सेवा करने का संकल्प लिया।