वे धारवाड़ में शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय सभा भवन में वर्ष 2018 -19 सत्र के जुलाई 2018 तक के विविध विभागों के एससीएसपी व टीएसपी कार्यक्रमों की प्रगति समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर बोल रही थी।
उन्होंने कहा कि अजाजजा विधेयक के अनुसार प्रति वर्ष सभी विभाग के अनुदान का उपयोग कर कार्य योजना तैयार कर कार्यन्वयन करना चाहिए। कुछ विभागों के अधिकारी अनुदान, क्रिया योजना को मंजूरी में विलम्ब का बहाना बताकर प्रगति में कम उपलब्धि दिखा रहे हैं।
निर्धारित अनुदान चयनित कार्यक्रम के विकास कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित समय सीमा में खर्च करना चाहिए। किसी भी कारण जारी हुए अनुदान को वापस नहीं जाने देना चाहिए। इस बात का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अजा-जजा विधेयक के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश
जिलाधिकारी ने प्रगति समीक्षा सभा को प्रति माह के अंतिम सप्ताह में आयोजन करने के लिए समाज कल्याण विभाग के सह निदेशक को निर्देश दिए। विभागों से सौंपी जाने वाली प्रगति रिपोर्ट साफ होनी चाहिए। जिला कोष से प्रति माह विभाग स्तर में खर्च रिपोर्ट प्राप्त कर सौंपी जाने वाली रिपोर्ट से तुलना कर समीक्षा कर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर सौंपनी चाहिए। प्रगति रिपोर्ट के बिंदुओं को मात्र प्रगति समीक्षा सभा में प्राथमिकता दी जाएगी।
समाज कल्याण विभाग के सह निदेशक मुनिराजु ने अतिथियों का स्वागत कर सभा का संचालन किया। जिला पंचायत की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्नेहल रायमाने, सह कृषि निदेशक टी.एस. रुद्रेशप्पा, बागवानी विभाग के उप निदेशक रामचन्द्र मडिवाळर, सार्वजनिक शिक्षा विभाग के उप निदेशक आर.एस. मुल्लूरु, पीयू कालेज शिक्षा विभाग के उप निदेशक सदानंदगौड़ा पाटील, जिला पंचायत, लोक निर्माणविभाग, लघु सिंचाई, ग्रामीण पेयजल एवं सफाई, महिला एवं बाल कल्याण विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्लम कल्याण विभाग, विश्वविद्यालय, हेस्काम, केएमएफ समेत विभिन्न विभाग, निगम मंडलों के अधिकारियों ने भाग लेकर प्रगति रिपोर्ट सौंपी।