सोमवार को ईरोड़ जिले के गोबीचेट्टीपाल्यम के अतिरिक्त जिला जज के. मणि की अदालत में जेल में बंद बाकी पांच आरोपियों को पेश किया गया। सुनवाई के दौरान जज ने २५ सित?बर को फैसला सुनाने की घोषणा की। गौरतलब है कि वीरप्पन ने ३० जुलाई २००० को ईरोड़ जिले के गाजनूर स्थित फार्म हाउस से राजकुमार का अपहरण किया था। कर्नाटक और तमिलनाडु पुलिस ने राजकुमार की रिहाई के लिए करीब तीन महीने तक घने जंगलों में संयुक्त अभियान चलाया था। एक तमिल पत्रिका के पत्रकार आर आर गोपाल की मध्यस्थता में वीरप्पन से छह दौर की बातचीत के बाद राजकुमार रिहा हुए थे।
राजकुमार १०८ दिनों तक वीरप्पन के कब्जे में रहे थे। राजकुमार के अपहरण के बाद बेंगलूरु में कई दिनों तक हिंसक प्रदर्शन हुए थे। वीरप्पन २००४ में तमिलनाडु पुलिस के विशेष कार्यबल के साथ मुठभेड़ में मारा गया जबकि अप्रेल २००६ में राजकुमार का निधन हो गया।
अभियोजन पक्ष ने राजकुमार के दामाद सहित करीब १०० गवाहों को पेश किया। हालांकि, अपहरण के समय राजकुमार के साथ फार्म हाउस में मौजूद रहीं उनकी पत्नी पार्वत?मा का बयान दर्ज नहीं हो पाया। स्वास्थ्य सही नहीं होने के कारण वर्ष २०१७ में निधन से पहले वे अदालत में उपस्थित नहीं हो पाईं।
उपचार के लिए बेंगलूरु पहुंचे हार्दिक
बेंगलूरु. पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल अपने १९ दिन का आमरण अनशन खत्म करने के बाद उपचार के लिए मंगलवार सुबह बेंगलूरु पहुंचे। शहर के बाहरी इलाके तुमकूरु रोड पर स्थित जिंदल प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में भर्ती हुए।
केंद्र के व्यवस्थापक के. के. घोष ने बताया कि हार्दिक १० दिन तक यहां प्राकृतिक उपचार पद्धति का लाभ लेंगे। चिकित्सकों ने उन्हें उपचार के दौरान राजनीतिक बैठक या चर्चा से दूर रहने की सलाह दी है। इस संबंध में हार्दिक को पहले ही जानकारी दे दी गई थी। हार्दिकने दो सुपर डीलक्स सूट बुक किया है। साथ में तीन सहयोगी भी हैं।
ज्ञात हो कि किसानों की कर्ज माफी और पाटीदार आरक्षण की मांग को लेकर २५ अगस्त से १२ सितंबर तक हार्दिकअनशन पर थे। इस दौरान उनका करीब १३ किलो वजन भी घटा।