सौर वेधशाला आदित्य एल-1 से मिलने लगे मूल्यवान आंकड़े
बैंगलोरPublished: Sep 19, 2023 08:03:52 pm
सूर्य के अध्ययन के लिए भेजे गए मिशन ने अति ऊर्जावान कणों के बारे में दी जानकारी


सौर वेधशाला आदित्य एल-1 से मिलने लगे मूल्यवान आंकड़े
बेंगलूरु.
देश की पहली सौर वेधशाला आदित्य एल-1 से वैज्ञानिक आंकड़े मिलने लगे हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यान के एक उपकरण को चालू कर दिया है जो वैज्ञानिक आंकड़े भेज रहा है।
इसरो ने कहा कि है कि, सौर वेधशाला के पे-लोड आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट(एसपेक्स) के एक उपकरण सुप्रा थर्मल एंड इनरजेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (स्टेप्स) ने वैज्ञानिक आंकड़े जुटाए हैं। इस उपकरण स्टेप्स में छह सेंसर हैं और सभी अलग-अलग दिशाओं की ओर उन्मुख हैं। ये अलग-अलग दिशाओं में 20 केइवी/न्यूक्लियॉन से 5 एमइवी/न्यूक्लियॉन तक के सुपर-थर्मल और ऊर्जावान आयनों का मापन करने में सक्षम हैं। इसके अलावा यह 1 एमइवी से ज्यादा इलेक्ट्रॉन को भी माप सकता है। निम्न और उच्च ऊर्जा कण स्पेक्ट्रोमीटर का उपयोग कर इसका मापन किया जाता है। धरती की कक्षा में चक्कर लगाते हुए जुटाए गए इन आंकड़ों का विश्लेषण कर वैज्ञानिक पृथ्वी के आसपास इन कणों के व्यवहार के बारे में अध्ययन कर सकते हैं। विशेषकर धरती के चुंबकीय क्षेत्रों में इन कणों का अध्ययन काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।
इसरो ने कहा है कि इस उपकरण (स्टेप्स) को 10 सितम्बर को चालू किया गया था। तब अंतरिक्षयान आदित्य एल-1 धरती से लगभग 50 हजार किमी की दूरी पर था। यह दूरी धरती की त्रिज्या के 8 गुणा से अधिक है। यानी, यह क्षेत्र धरती के विकिरण क्षेत्र की सीमा से काफी बाहर है। यान की तमाम प्रणालियों की जांच के साथ आंकड़े एकत्रित करने का काम तब तक चला जब तक वह 50 हजार किमी से काफी आगे नहीं निकल गया।
इसरो वैज्ञानिकों के अनुसार स्टेप्स से आंकड़े एकत्रित करने का काम उसके 110 दिनों की यात्रा के दौरान भी जारी रहेगा। यान के कक्षा में स्थापित होने के बाद भी इससे आंकड़े जुटाए जाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि, इस उपकरण से जुटाए गए आंकड़ों के जरिए सौर हवाओं के गुणों और उसकी विविधता का अध्ययन होगा। इसे इसरो अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) के सहयोग से भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) ने तैयार किया है।