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बेंगलूरु से छिनेगी एयरो इंडिया की मेजबानी!

locationबैंगलोरPublished: Aug 12, 2018 01:03:49 am

Submitted by:

Rajeev Mishra

अटकलें तेज, लखनऊ स्थानातंरित करने का मन बना चुकी है केंद्र सरकार22 वर्ष तक सफल आयोजन के बावजूद एयरोस्पेस हब नजरअंदाज

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बेंगलूरु से छिनेगी एयरो इंडिया की मेजबानी!

बेंगलूरु. राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद बेंगलूरु के मशहूर एयरो इंडिया एयर शो के लखनऊ स्थानांतरित होने की अटकलें तेज हो गई हैं। रक्षा सूत्रों के अनुसार एयरो इंडिया का बेंगलूरु से स्थानांतरित होना लगभग तय है और अब एशिया का सबसे बड़ा एयर शो लखनऊ स्थित बख्शी का तालाब वायुसैनिक अड्डे पर आयोजित होगा।
हालांकि, हर दो वर्षों के अंतराल पर यह एयर शो बेंगलूरु में फरवरी माह में आयोजित होता रहा है लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस बार एयरो इंडिया का आयोजन लखनऊ में अक्टूबर-नवंबर में ही हो सकता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एयरो इंडिया के आयोजन को लेकर जोरदार लॉबिंग कर रहे हैं। शनिवार को अलीगढ़ में रक्षा गलियारे की घोषणा के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर एयरो इंडिया की तुरंत घोषणा करने के लिए दबाव भी बनाया। उत्तर प्रदेश में अलीगढ़, आगरा, कानपुर, झांसी और चित्रकूट को मिलाकर एक रक्षा गलियारा बनाने की योजना है।
केंद्र सरकार का उलटा कदम!
इस बीच, बेंगलूरु से एयरो इंडिया को स्थानांतरित करने को लेकर विरोध के स्वर भी बुलंद हो रहे हैं। बेंगलूरु के यलहंका हवाई अड्डे पर पिछली बार 11 वां एयरो इंडिया 14-१८ फरवरी 2017 को आयोजित हुआ था। इसके लिए यलहंका वायुसैनिक अड्डे पर कुल मिलाकर 2 लाख 60 हजार वर्गमीटर इलाका आरक्षित किया गया जबकि वर्ष 2015 के दौरान एयरो इंडिया का आयोजन 2 लाख 50 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में आयोजित हुआ था।
दरअसल, बेंगलूरु में एयरो इंडिया की सफलता का आलम यह था कि हर वर्ष देश-विदेश की कंपनियों की भागीदारी बढऩे के साथ-साथ आकार भी बढ़ता जा रहा था। पिछली बार एयरो इंडिया में कुल 549 कंपनियों ने भागीदारी की जिसमें 270 भारतीय और 279 विदेशी कंपनिया थी। वहीं 72 विमान एयरो इंडिया में भाग लिए और दो लाख से अधिक लोग एयर शो देखने पहुंचे। एक तरफ जहां एयरो इंडिया प्रदर्शनी एवं एयर शो की सफलता के उसका आकार बढ़ता जा रहा था वहीं अब इसे अपेक्षाकृत छोटे वायुसैनिक अड्डे पर स्थानांतरित किया जा रहा है।
बेंगलूरु से हटा तो पेश आएंगी बड़ी चुनौतियां
केंद्र सरकार के इस फैसले को कई वायुसेना अधिकारियों ने अविश्वसनीय बताया। वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि जहां एयरो इंडिया के आयोजन की बात कही जा रही है वहां यह लगभग असंभव सा दिखता है। वहीं एक अन्य रक्षा अधिकारी ने कहा कि बेंगलूरु से एयरो इंडिया स्थानांतरित करने के लिए जो वजह बताई जा रही थी वह जगह की कमी थी। लेकिन यह क्या? उससे भी छोटी जगह पर स्थानांतरित किया जा रहा है। बख्शी का तालाब हवाई अड्डे पर बुनियादी सुविधाओं के अभाव, यातायात, सुरक्षा तो एक बड़ी चुनौती होगी ही, वहां मुश्किल से 5 हजार लोग एयर शो देख सकेंगे। इसके अलावा एयर शो से पहले विमानों के उड़ान अभ्यास और तैयारियां भी बड़ी चुनौती होगी।
रक्षा अधिकारियों के अलावा राजनीतिक स्तर पर भी एयरो इंडिया के स्थानांतरण की खबर से हलचल बढ़ गई है। हाल ही में रक्षा भूमि हस्तांतरित करने के लिए बेंगलूरु पहुंची रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी एयरो इंडिया बेंगलूरु में ही आयोजित करने का आग्रह किया था। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव ने भी इस संदर्भ में सीतारमण को पत्र लिखा था।
देशपांडे ने राजनाथ से मिलकर जताई आपत्ति
राजस्व मंत्री आरवी देशपांडे ने शनिवार को नई दिल्ली में गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर इसपर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि एशिया के सबसे बड़े एयर शो के तौर पर मशहूर एयरो इंडिया को बेंगलूरु से स्थानांतरित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सैन्य और वाणिज्यिक एयर शो देश के एयरोस्पेस राजधानी के तौर पर मशहूर बेंगलूरु में पिछले 22 वर्षों से सफलतापूर्वक आयोजित हो रहा था। बेंगलूरु भारतीय एयरोस्पेस का हब है और यहां इसके लिए एक अच्छा इकोसिस्टम तैयार है। एयरोस्पेस के क्षेत्र में देश में होने वाले कुल निवेश का 6 5 फीसदी अकेले बेंगलूरु में होता है। बेंगलूरु पूरे देश का एक चौथाई एयरक्राफ्ट उत्पादित करता है। बेंगलूरु में एक विश्वस्तरीय एयरोस्पेस पार्क की भी स्थापना होने जा रही है। देशपांडे ने कहा कि यह द्विवार्षिक एयर शो पिछले 22 वर्षों से बेंगलूरु में आयोजित होता रहा है इसलिए केंद्र सरकार इसे स्थानांतरित करने के फैसले पर फिर से विचार करें।
यह बेहद निराशाजनक: परमेश्वर
उधर, उप मुख्यमंत्री डॉ जी. परमेश्वर ने भी एयरो इंडिया के बेंगलूरु से स्थानांतरित होने की खबर को निराशानजक बताया है। परमेश्वर ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही बेंगलूरु भारत का रक्षा हब रहा है लेकिन, एनडीए सरकार के आने के बाद लगातार महत्वपूर्ण रक्षा परियोजनाएं बेंगलूरु से छीनी जा रही हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
पिछली बार भी हुए थे प्रयास
इससे पहले भी वर्ष 2017 में एयरो इंडिया का आयोजन स्थल बेंगलूरु से बदलकर गोवा किए जाने की खूब चर्चा हुई। हालांकि, हर वर्ष एयरो इंडिया के आखिरी दिन समापन समारोह के दौरान ही अगले एयरो इंडिया की तिथि और आयोजन स्थल की घोषणा कर दी जाती थी लेकिन मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्री बनने के बाद यह परंपरा टूट गई। केंद्र में एनडी सरकार बनने के बाद वर्ष 2015 में आयोजित हुए एयरो इंडिया में परंपरा का पालन नहीं हुआ। तभी से एयरो इंडिया के आयोजन स्थल को स्थानातंरित करने की अटकलें लगाई जा रही हैं। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि रणनीतिक दृष्टिकोण से एयरो इंडिया के आयोजन के लिए बेंगलूरु सबसे उचित है क्योंकि, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) एवं हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ-साथ यह विश्व की प्रमुख रक्षा कंपनियों, अनुसंधान एवं विकास संगठनों का प्रमुख केंद्र है।
यह कहा था रक्षा मंत्री ने
रक्षा मंत्रालय की ओर से कोई घोषणा नहीं की गई है। हम इस तथ्य से अवगत हैं कि एयरो इंडिया की प्रतिभागी कंपनियों को पर्याप्त समय मिलना चाहिए। इसलिए सही समय पर एयरो इंडिया की तिथि और आयोजन स्थल की घोषणा कर दी जाएगी। यह ठीक उसी तरह है जैसे नई दिल्ली में डिफेंस एक्सपो लगातार 10 बार आयोजित हुआ उसके बाद गोवा और फिर तमिलनाडु (चेन्नई) स्थानांतरित हुआ। क्योंकि इसकी मांग इन राज्यों से हो रही थी। एयरो इंडिया के आयोजन को लेकर कई शहर उत्सुक हैं। जल्दी ही इस बारे में फैसला किया जाएगा।
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