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बैंगलोर

आखिर किसने की पर्यटक वाहन का राष्ट्रीय परमिट की मांग

दक्षिण के परिवहन मंत्रियों की बैठक

बैंगलोरMar 10, 2018 / 06:23 pm

Ram Naresh Gautam

transport
बेंगलूरु. दक्षिण भारतीय परिवहन परिषद (एसआईटीसी) ने माल वाहनों की तरह ही पर्यटक वाहनों को भी राष्ट्रीय परिमिट देने की शिफारिश की है। शुक्रवार को बेंगलूरु में आयोजित संगठन के 22वें अधिवेषन में दक्षिण के सभी राज्यों के परिवहन मंत्रियों ने एक प्रस्ताव को पास करने के लिए केन्द्रीय परिवहन मंत्री को पत्र भी लिखेगा, उन्होंने इस कानून को लागू करने के लिए भारतीय वाहन अधिनियम 1988 में बदलाव की सिफारिश किया है। इसके अलावा संगठन ने वाहनों के उपयोग के समयसीमा निर्धारित करने के नियम को भी समाप्त करने, दो पहिया वाहनों में भी स्पीड गर्वनर लगाने, एक-दूसरे राज्यों में पर्यटकों की संख्या को बढ़ाने के लिए जा रहे अंतरराज्यीय सीमा शुल्क को कम करने जैसे सुधारों को लेकर केन्द्रीय परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर सिफारिश करेगा। इस अवसर पर सभी दक्षिणी राज्यों के बीच परिचालित होने वाली सार्वजनिक परिवहन सेवा एवं निजी सेवाओं के परमिट की संख्या बढ़ाने पर भी सहमति बनी।

जांच अधिकारियों को मिलेगा प्रशिक्षण
कुछ राज्यों के सुझाव पर कर्नाटक परिवहन विभाग ने वाहनों की जांच करने वाले अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए केन्द्र स्थापित करेगा। इस केन्द्र पर प्रदेश के अलावा दक्षिण के अन्य राज्यों के अधिकारी भी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। वहीं सभी राज्यों ने तस्करी और माल वाहनों की अवैध आवाजाही की जांच के लिए विशेष दल गठित करने और सीमावर्ती राज्यों के अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वयन के साथ जांच प्रक्रिया को कड़ा करने पर भी सहमति बनी। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे चले कार्यक्रम में केरल के परिवहन मंत्री ए.के. शशिधरन, तमिलनाडु के एम.आर. विजय भास्कर, गोवा के रामकृष्णा एस. धवालिकर और कर्नाटक के परिवहन मंत्री एम.एम. रेवण्णा ने हिस्सा लिया और अपने राज्यों के वाहनों के परमिट, लाईसेंस और समस्याओं व सुझावों को दिया गया और विभिन्न राज्यों के बीच कई परस्पर समझौता भी किया गया। इस कार्यक्रम में परिवहन मंत्री एच.एम. रेवण्णा ने प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक परिवहन में किए गए सुधारों और आने वाले दिनों में शुरू की जाने वाली योजनाओं के विषय में विभिन्न प्रकार जानकारी दी और कई योजनाओं पर दूसरे राज्यों से सुझाव भी मांगा।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार शहर में वायु एवं ध्वनि प्रदूषण को रोकन के लिए प्रतिबद्ध है और वह इलेक्ट्रिक और जैव ईंधन से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कर्नाटक इलेक्ट्रिक व्हीकल एण्ड एनर्जी स्टोरेज पॉलिसी-2017 बनाई है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार बेंगलूरु में 150 इलेक्ट्रिक बसों की सेवा शुरू करेगी। इस अवसर पर उन्होंने बेंगलरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) द्वारा शुरू की जाने वाली इंदिरा सारिगी और परीक्षा के समय में पूरे प्रदेश के लिए सभी छात्रों के लिए नि:शुल्क बस पास देने सहित कई योजनाओं की चर्चा की।
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