कावेरी नीरवारी निगम लिमिटेड (सीएनएनएल) के अनुसार पिछले तीन महीनों के दौरान कावेरी नदी (Cauvery River) और कावेरी की सहायक नदियों के जलअधिग्रहण क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई है। कुशालनगर, केआर नगर और हुंसूर क्षेत्रों में अगस्त, सितंबर और अक्टूबर के पहले पखवाड़े में औसत से ज्यादा बारिश हुई है, इससे बांध लबालब है। पिछले चौबीस घंटों के दौरान बांध में पानी का अंतर्वाह 8000 क्यूसेक से ज्यादा था।
निचले इलाकों में खतरा
बांध का जलस्तर सामान्य बनाए रखने के लिए बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। बांध के जलबहाव क्षेत्रों में कावेरी का जलस्तर तेज बना हुआ है। वहीं, पिछले कुछ दिनों के दौरान कोडुगू और तटीय कर्नाटक (Karnataka) में हुई तेज बारिश के कारण एक बार फिर कावेरी में जलप्रवाह बढऩे की संभावना है जिससे बांध में पानी का अंतर्वाह और ज्यादा बढ़ सकता है। अगर बांध से ज्यादा पानी छोड़ा गया तो आने वाले दिनों में निचले इलाकों में बाढ़ जैसी नौबत आ सकती है।
किसानों को राहत
केआरएस के लबालब रहने से कावेरी तटबंध के किसानों को राहत मिली है। इस वर्ष गन्ने और धान की फसलों को बारिश के साथ ही सिंचाई से भी पर्याप्त पानी मिलने की उम्मीद है। साथ ही आने वाली गर्मी में बेंगलूरु, मैसूरु, मंड्या आदि कावेरी पर निर्भर जिलों में जलापूर्ति का संकट भी नहीं होना चाहिए।