एआइडीएसओ, कर्नाटक के सचिव अजय कामत ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि सीबीएसइ ने शैक्षणिक सत्र २०२२-२३ के लिए जारी पाठ्यक्रम से कई पाठ्य हटा दिया है और यह लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में शिक्षा प्रणाली पर भाजपा-आरएसएस के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ सरकार के हमले बढ़ते जा रहे हैं। बहिष्करणवादी, संप्रदायवादी और विभाजनकारी विचारधारा के अनुरूप स्कूल की पाठ्यपुस्तकों के साथ पार्टी की छेड़छाड़ देश की एकता और विविधता के लिए गंभीर खतरा है। एआइडीएसओ इस तरह के किसी भी राजनीतिक सिद्धांत की निंदा करता है।
उन्होंने कहा कि कक्षा 10 की एनसीइआरटी पाठ्यपुस्तक से ‘लोकतंत्र और विविधता’ ‘लोकप्रिय संघर्ष आंदोलन’ और ‘लोकतंत्र की चुनौतियां’ पर अध्यायों का बहिष्कार किया गया है। कक्षा 11 के इतिहास के पाठ्यक्रम से ‘सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स’ पर एक अध्याय, कक्षा 10 के पाठ्यक्रम से ‘कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव’ पर सामग्री, कक्षा 12 के राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम से ‘कोल्ड वॉर एरा एंड द नन एलाइंड मूवमेंट’ आदि को भी हटा दिया गया है।
सिर्फ इतिहास या समाज विज्ञान जैसे विषयों के चैप्टर ही हटाए या बदले गए हैं। सीबीएसइ ने नए सिलेबस में गणित के भी कई चैप्टर हटा दिए और उनकी जगह नए अध्याय जोड़े हैं। क्लास 11 के गणित की पुस्तक से तो चार-पांच अध्याय हटा दिए गए।
कामत ने कहा कि लोगों को उनके सामाजिक-सांस्कृतिक मतभेदों के आधार पर विभाजित करना सभ्यता के खिलाफ अपराध है। ऐसी शिक्षा अंतत: हमारी पीढिय़ों को ऐतिहासिक और राजनीतिक विकास और घटनाओं के बारे में अंधेरे में रखेगी।