कौशल विकास, उद्यमिता और आजीविका मंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथनारायण ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) महिलाओं के नेतृत्व में 30,000 और सूक्ष्म उद्यम बनाना है। फिलहाल इनकी संख्या 50 हजार है। इन एसएचजी महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों का एनपीए बहुत कम लगभग 0.1 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) और एनयूएलएम (राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन) के हिस्से के रूप में काम करने वाले विभिन्न राज्यों के एसएचजी मेले में भाग लेंगे। यह मेला देश भर में महिला उद्यमियों को अपने कौशल और उत्पादों का प्रदर्शन करने और उनके साथ बातचीत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। विपणन कौशल सुधारने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि मेले में लगाए जाने वाले 300 से अधिक स्टाल देश भर की महिलाओं के कौशल, क्षमता और कड़ी मेहनत को प्रदर्शित करेंगे और उत्पादों को बेचेंगे जिनमें हथकरघा, हस्तशिल्प, कलाकृतियां, विरासत उत्पाद, वस्त्र, आदिवासी उत्पाद, सजावटी वस्तुएं, धातु उत्पाद, मिट्टी के बर्तन, पेंटिंग, जैविक खाद्य पदार्थ, मसाले, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद, सॉफ्ट टॉय, उपयोगी वस्तुएं, धातु उत्पाद, टेराकोटा उत्पाद, लकड़ी के उत्पाद सहित कई अन्य विशिष्ट वस्तुएं शामिल हैं। अखिल भारतीय फूड कोर्ट स्थापित किया जाएगा,जहां पूरे भारत के व्यंजन परोसे जाएंगे।
प्रतिभागियों में एनआरएलएम औरएनयूएलएम कार्यक्रमों के तहत कार्यरत कर्नाटक के 200 से अधिक एसएचजी और अन्य राज्यों के एसएचजी शामिल हैं।
मंत्री ने संजीवनी सरस का लोगो भी लॉन्च किया और कहा कि शाम के दौरान महिला कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की व्यवस्था मेले के हिस्से के रूप में की जाएगी। महिला प्रतिभागियों के कौशल में सुधार के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाएं भी आयोजित होंगी। कॉरपोरेट्स के साथ राउंड टेबल चर्चा, खरीदार बैठकें, स्टार्ट-अप, एनजीओ कॉन्क्लेव आदि एक साथ आयोजित किए जाएंगे।
यह आयोजन जनता के लिए नि:शुल्क होगा और विभिन्न सरकारी विभागों और बैंकों के सूचना स्टालों को भी प्रदर्शित करेगा।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा ग्रामीण विकास मंत्रालय और आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण मंत्रालय के सहयोग से आयोजित होने वाला वार्षिक मेला, एसएचजी उत्पादों की एक राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी सह बिक्री है।