scriptवायु प्रदूषण, मौसम में बदलाव सांसों पर भारी | Air pollution, change in weather hitting hard on lungs | Patrika News

वायु प्रदूषण, मौसम में बदलाव सांसों पर भारी

locationबैंगलोरPublished: Nov 16, 2021 10:54:56 am

Submitted by:

Nikhil Kumar

– कर्नाटक : पार्थेनियम जैसे ज्ञात एलर्जी से बचना महत्वपूर्ण- अब अस्थमा कर रहा परेशान

– निखिल कुमार

बेंगलूरु. कोविड के चरम पर होने के दौरान लोग कोविड प्रोटोकॉल (covid protocol) का सख्ती से पालन कर रहे थे। लॉकडाउन के कारण सड़क पर वाहनों की संख्या भी कम थी। निर्माण कार्य लगभग बंद थे। लेकिन, अभी ऐसा नहीं है। कई लोग मास्क तक नहीं लगा रहे हैं। वायु प्रदूषण, मौसम में बदलाव (Air Pollution and Weather Change) व कोविड के बाद के प्रभाव के कारण प्रदेश में अस्थमा के मामले बढ़े हैं। चिकित्सकों का कहना है कि कोविड के मामले घटने के बाद भी अस्पताल इन्फ्लूएंजा, फ्लू और श्वसन संबंधित मरीजों से भरे हैं। इनमें में अस्थमा के पुराने मरीजों की संख्या अधिक है।
आसानी से हमला कर रहा वायरस

नारायण हेल्थ सिटी के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. महेश कुमार ने बताया कि तीन माह से अस्थमा (Asthama) के गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ी है। दूसरी लहर का प्रभाव कम होने के बाद इन्फ्लूएंजा सहित अन्य वायरस मजबूती से लौटे हैं। ठंडा मौसम और वायु प्रदूषण अस्थमा को ट्रिगर कर रहा है। कोविड से उबरे मरीजों की शारीरिक प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो चुकी है। वायरस आसानी से हमला कर रहा है। अस्थमा को पूरी तरह से ठीक नहीं बल्कि प्रबंधित किया जा सकता है। इसके लिए प्रदूषण कम करना होगा।

इन्फ्लूएंजा और न्यूमोकोकल वैक्सीन मददगार
एस्टर सीएमआइ अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. सुनिल कुमार के. ने बताया कि मानसून के पहले दिए गए इन्फ्लूएंजा और न्यूमोकोकल वैक्सीन (Influenza and pneumococcal vaccine) से अस्थमा को काफी हद तक बढऩे से रोका जा सकता है। अस्थमा के लक्षणों व इसे ट्रिगर करने वाले कारकों को पहचानना जरूरी है। मरीजों के लिए ट्रिगर भिन्न हो सकते हैं।

स्वस्थ लोगों को भी सावधानी बरतने की जरूरत
मणिपाल अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. सत्यनारायण मैसूरु ने बताया कि पार्थेनियम जैसे ज्ञात एलर्जी से बचना महत्वपूर्ण है। ठंडी हवा, संक्रमण और वायु प्रदूषण अस्थमा के मरीजों के लिए जोखिम कारक हैं। जिन्हें पहले से अस्थमा है उन्हें ठंडी हवा में व्यायाम या टहलने से बचना चाहिए। स्वस्थ लोगों को भी सावधानी बरतने की जरूरत है।

नहीं करें लक्षण बढऩे का इंतजार
मरीजों के लिए जरूरी है कि गर्म कपड़े पहने, धूम्रपान नहीं करें, दवाइयों का नियमित इस्तमाल करें और लक्षण बढऩे के संकेत मिलते ही अपने चिकित्सक से संपर्क करें। नियमित रूप से हाथ धोने, सामाजिक दूरी बरतने और मास्क लगा कई बीमारियों से बचा जा सकता है।

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