सिद्धरामय्या ने आरोप लगाया कि इन दोनों ही दलों के नेता मुझ पर व राज्य की कांग्रेसनीत सरकार पर निराधार आरोप लगा रहे हैं। लेकिन उनके पास आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं हैं। इन निराधार आरोपों व झूठ से वे अपने आपको मूर्ख बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों को शासनकाल में हमने चुनाव से पहले किए सभी वादों को पूरा किया है और भ्रष्टाचार व घोटाला रहित सरकार दी है। भाजपा नेता कर्नाटक में कानून व्यवस्था बिगडऩे के आरोप लगाते हैं पर यदि वे राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों से तुलना करे तो देश से सारे राज्यों में भाजपा शासित राज्यों में अपराध दर अधिक है कर्नाटक में नहीं।
सिद्धरामय्या ने कहा कि अमित शाह ने मेरा एक नाम रखा है वह है अहिंदू, लेकिन वे खुद हिंदू नहीं, बल्कि जैन हैं। क्या वे सार्वजनिक रूप से यह बात कह सकते हैं? इन चुनावों में जध (ध) के किंगमेकर की भूमिका निभाने के बारे में सिद्धरामय्या ने कहा कि जद (ध) एक अवसरवादी पार्टी है और उसके पास धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों का सर्वथा अभाव है। यदि वे धर्मनिरपेक्ष होते तो भाजपा के साथ गठजोड़ करके राज्य में 20 माह तक सरकार नहीं चलाते।
सिद्धरामय्या ने कहा मैंने सुना है कि चामुंडेश्वरी सीट पर मुझे हराने के लिए जनता दल (ध) व भाजपा ने मिलकर साजिश रची है जो मुझे 2006 में हुए उपचुनाव की याद दिलाता है। वे पहले भी विफल रहे थे और अब भी बुरी तरह विफल रहेंगे।
सिद्धरामय्या ने दावा किया कि 12 मई को होने जा रहे विधानसभा के चुनाव परिणाम राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस के आगे बढऩे का महत्वपूर्ण मुकाम होगा। कर्नाटक में कांग्रेस की जीत अगले साल होने जा रहे लोकसभा तथा दिसम्बर से पहले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मनोबल को और अधिक बढ़ाएंगे।