महादयी पंचाट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर सर्वदलीय बैठक जल्द
बैंगलोरPublished: Sep 06, 2018 07:16:08 pm
जल संसाधन मंत्री शिवकुमार बोले
महादयी पंचाट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर सर्वदलीय बैठक जल्द
बेंगलूरु. राज्य सरकार ने बुधवार को कहा कि महादयी नदी जल बंटवारे पर आए ट्रिब्यूनल के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने पर चर्चा करने के लिए जल्द ही एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी।
१४ अगस्त को आए महादयी नदी जल पंचाट के निर्णय में कर्नाटक को १३.४ टीएमसी पानी दिया गया है जबकि गोवा और महाराष्ट्र को क्रमश: २४ टीएमसी तथा १.३३ टीएमसी पानी दिया गया है। राज्य के जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने काह कि हम फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। हम जल्द ही एक सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे कि जिसमें यह चर्चा की जाएगी कि क्या फैसले को सर्वोच्च न्यायालय या पंचाट में चुनौती दी जाए। उन्होंने कहा कि हमने राज्य के ३६.५५८ टीएमसी पानी की मांग की थी लेकिन हमें कम पानी मिला है। यह हमारे लिए एक गंभीर अन्याय है। हम इसके खिलाफ कानूनी रूप से लड़ेंगे।
ट्रिब्यूनल के फैसले के मुताबिक कर्नाटक को मिले 13.4 टीएमसी पानी में से राज्य कुछ शर्तों के अधीन 2.18 टीएमसी पानी भांदुरा बांध में जबकि प्रस्तावित कलसा बांध में 1.72 टीएमसी डायटर्व करने की अनुमति दी गई है। इसके अतिरिक्त 1.5 टीएमसी पानी सिंचाई के लिए तथा 8.02 टीएमसी का उपयोग महादयी जल विद्युत परियोजना में बिजली पैदा करने के लिए होगा। हालांकि, अब राज्य सरकार ने इस पर नााखुशी जाहिर की है। शिवकुमार ने प्रस्तावित मैकेदाटुू जलाशय परियोजना को लेकर पड़ोसी राज्य तमिलनाडु द्वारा उठाए गए आपत्तियों पर बुधवार को राज्य सरकार ने असहमति जताया। ५९१२ करोड़ रुपए की इस परियोजना की व्यवहार्यता रिपोर्ट के लिए केंद्रीय जल आयोग की मंजूरी मांगने के तमिलनाडु की पहल को एकतरफा कार्रवाई करार दिया। उन्होंने कहा कि राज्य ने कावेरी जल पंचाट और शीर्ष अदालत के किसी भी आदेश का उल्लंघन नहीं किया है। प्रस्तावित मैकेदाटु परियोजना तमिलनाडु को पानी के प्रतिबद्ध प्रवाह को कम नहीं करती है। हम केंद्रीय जल आयोग की आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं। हम किसी भी तरह से तमिलनाडु की सहमति लेने के लिए बाध्य नहीं हैं।