राज्य के चारों परिवहन निगम पहले से 500 करोड़ रुपए से अधिक के घाटे में चल रहे हैं। सिद्धरामय्या सरकार ने इस योजना को घोषित करने से पहले वित्त विभाग से मंजूरी नहीं ली थी। इस पर अभी चर्चा चल रही है और मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद इसे बजट में शामिल किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थियों को अब बस पास पाने के लिए बीएमटीसी व केएसआरटीसी के काउंटरों पर चक्कर कटाने नहीं पड़ेंगे। अब उन्हें शिक्षण संस्थान में ही पास मिलेेगा। इस माह के अंत तक माध्यमिक स्कूल के विद्यार्थियों के बस पास मुद्रित किए जाएंगे.।
इसके अलावा कालेजों के विद्यार्थियों के लिए मोबाइल ऐप तैयार किया जा रहा है जिस पर तमाम जानकारी अपलोड करने पर कालेज अथवा उनके निवास के पतों पर सीधे बस पास पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। हाईस्कूल की छात्राओं को 600 रुपए , छात्रों को 800 रुपए तथा कॉलेज के विद्यार्थयों को बस पास के लिए 1100 रुपए जमा करवाने होंगे। अजा- जजा वर्ग के विद्यार्थियों से कोई शुुल्क नहीं लिया जाएगा और उनको केवल 200 रुपए धरोहर राशि के तौर पर देने होंगे। सातवीं कक्षा तक के सभी वर्ग के विद्यार्थियों से बस पास के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि हमारी परिवहन व्यवस्था पूरे देश में अव्वल है लेकिन विभाग में कई बदलाव किए जाएंगे और खामियों को दूर किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि शहर में वाहनों की संख्या बढ़ जाने के कारण यातायात का दबाव बढ़ गया है। कुछ परिवारेां के पास 2 से 3 वाहन हैं।
आम जन के सार्वजनिक परिवहन के साधनों का अधिक इस्तेमाल करने पर यातायात दबाव को घटाया जा सकता है। निजी बसों के लिए बस स्टैंड की व्यवस्था नहीं होने पर ऐसे वाहनों को शहर के बाहर खड़ा किया जाना चाहिए। कुछ लोग घरों में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने पर भी कारें खरीदते हैं और गलियों में वाहन खड़े कर दिए जाते हैं। आने वाले दिनों में सडक़ों पर वाहनों को खड़ा करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।