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आंध्रप्रदेश का दावा : तिरुमला में हुआ हनुमान का जन्म

locationबैंगलोरPublished: Apr 22, 2021 03:09:32 pm

कर्नाटक ने कहा, पुरातत्व विभाग करे सर्वेक्षण

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बेंगलूरु. तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (Tirumala Tirupati Devasthanam) ने घोषणा की है कि भगवान अंजनैय्या या हनुमान का जन्म (birthplace of Lord Anjaneya or Hanuman) तिरुपति की अंजनाद्रि पहाड़ी पर हुआ था। तिरुमला में राम नवमी समारोह के दौरान यह घोषणा की गई।
टीटीडी की ओर से घोषणा करने वाले राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुरलीधर शर्मा ने बताया कि भगवान हनुमान की जन्मभूमि का अध्ययन करने के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति द्वारा विस्तृत शोध किया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि हनुमान का जन्मस्थान अंजनाद्रि पहाड़ी ही है। उन्होंने दावा किया कि सभी 12 पुराणों में भी अंजनाद्रि का उल्लेख भगवान हनुमान की जन्मभूमि के रूप में किया गया है।
हनुमान के जन्म स्थान को लेकर मतभेद

बता दें कि हनुमान के जन्म स्थान को लेकर मतभेद सामने आते रहे हैं। कर्नाटक का दावा है कि कोप्पल जिले में हम्पी के पास किष्किंधा स्थित अंजनाद्रि पहाड़ी पर हनुमान का जन्म हुआ था। रामायण को उद्धृत करते हुए विशेषज्ञ कहते हैं कि यही वह जगह है जहां सीता हरण के बाद सीता की तलाश में निकले भगवान राम व लक्ष्मण की मुलाकात सुग्रीव से हुई थी। माना जाता है कि अंजनादेवी ने हनुमान को जन्म दिया था इसीलिए उन्हें अंजनीलाल कहा जाता है। इस पहाड़ी का नाम उन्हीं के नाम पर अंजनाद्रि पड़ा है। हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र भी जन्मस्थान को लेकर दावा करते रहे हैं।
वहीं, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के कार्यकारी अधिकारी केएस जवाहर रेड्डी बताते हैं कि पंडितों की हमारी टीम ने ठोस सबूत जुटाने के लिए कड़ी मेहनत की और 22 पन्नों की एक रिपोर्ट पेश की है। हम इस रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट पर भी प्रदर्शित करेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों के पास हनुमान के जन्म स्थान को लेकर अपने दावे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं हैं।
पुरातत्व विभाग करे सर्वेक्षण

वहीं, इस तिरुमला के दावे पर कर्नाटक सरकार का कहना है कि हम किसी तरह के विवाद को बढ़ावा नहीं देना चाहते। कर्नाटक ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा सर्वेक्षण की मांग की है। कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने कहा कि हम काशी विश्वनाथ मंदिर के मामले को निपटाने के लिए वाराणसी कोर्ट के फैसले की तर्ज पर एएसआई द्वारा एक सर्वेक्षण की मांग करेंगे।

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