मुख्यमंत्री राज्य की राजनीति में प्रभावी लिंगायत समाज के एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान मंच पर लिंगायत समाज के संत स्वामी वचनानंद भी मौजूद थे। स्वामी वचनानंद ने लिंगायत समुदाय से आने वाले भाजपा नेता मुरुगेश निरानी को मंत्री बनाने की मांग की। स्वामी की बात सुनकर येदियुरप्पा काफी नाराज हो गए। इसके बाद अपने भाषण में येदियुरप्पा ने कहा उपचुनाव के बाद नए विधायकों को मंत्रीमंडल में शामिल नहीं करता, तो कर्नाटक में भाजपा की सरकार बननी मुश्किल थी। इसलिए कुछ भाजपा विधायकों को मंत्रीमंडल में शामिल करना मुमकिन नहीं था।
बता दें कि येडियूरप्पा स्वयं लिंगायत समुदाय से आते हैं और इस समाज पर पकड़़ के दम पर ही वे सत्ता का सफर तय करते रहे हैं।