टीएसी के सदस्यों के अनुसार पशु चिकित्सा अस्पतालों व क्लिनिकों में भी कोविड के जोखिम का विश्लेषण आवश्यक है। नीदरलैंड में मिंक कोविड पॉजिटिव निकल चुके हैं और जानवरों में कोरोना वायरस के संक्रमण का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले अमरीका के न्यूयॉर्क में दो पालतू बिल्लियों और ब्रोंक्स चिडिय़ाघर में कुछ बाघों और शेरों में सकारात्मक परीक्षण के मामले सामने आए थे।
हैदराबाद के नेहरू जूलोजिकल पार्क में आठ एशियाई शेर कोरोना संक्रमित पाए गए थे। ऐसे में पता लगाने की जरूरत है कि वन्यजीवों से संक्रमण के प्रसार की कितनी संभावना हैं।
इन वन्यजीवों की देखरेख करने वाले किसी भी कर्मचारी के कोविड के लक्षण दिखाने की स्थिति में अनिवार्य रूप से कोविड जांच की जाए। वन्यजीवों को भी कोविड के लिए जांचा जाए।
पशु चिकित्सकों के अनुसार मांसाहारी जीवों खासकर बिग कैट प्रजातियों के जीवों में कोरोना होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। इस प्रजाति में प्रमुख रूप से शेर, बाघ, तेंदुआ जैसे जीव आते हैं।
बाघ का शिकार, अंगों की तस्करी के आरोप में सात गिरफ्तार
मडिकेरी. कोडुगू संभाग वन प्रकोष्ठ के अधिकारियों ने बाघ को मारने और अंगों की तस्करी के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना कुशलनगर तालुक के हेब्बाले के पास मारुरु गांव की है।
गिरफ्तार लोगों की पहचान गणेश, योगेश, दोरेश, नटेश, रमेश, नवीन और शेखर के रूप में हुई है।
गणेश और योगेश ने गांव में अपने खेत में अवैध बिजली की बाड़ लगाई थी। हालांकि, एक बाघ जाल में फंस गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद गणेश और योगेश ने अन्य आरोपियों से मदद मांगी और बाघ को पास में ही दफना दिया। रमेश, नटेश और दोरेश ने रात के समय घटनास्थल का दौरा किया, बाघ को बाहर निकाला। दांत, नाखून और त्वचा सहित उसके शरीर के अंगों को काट अपने साथ ले गए।
सातों बाघ के शरीर के अंगों को बेचने की कोशिश कर रहे थे, जब सीआइडी वन प्रकोष्ठ के अधिकारियों ने उन्हें दबोच लिया।
अधिकारियों ने बाद में अपराध स्थल का दौरा किया और बाघ के शव को बरामद किया। अधिकारियों ने बाघ की हड्डियों, खोपड़ी, नाखून, दांत और त्वचा सहित सभी हिस्सों को जब्त कर लिया है।