हजारे ने मंगलवार को धारवाड़ कृषि विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करने से पूर्व मीडिया से बातचीत में कहा कि कभी उनके साथ रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा पुदुच्चेरी की राज्यपाल किरण बेदी जैसे लोग सक्रिय राजनीति से जुड़ चुके हैं और ऊंचे पदों पर आसीन हो गए हैं। लेकिन उन्होंने मेरी उम्मीदों को गलत साबित कर दिया है।
अन्ना ने दृढ़ शब्दों में कहा कि भ्रष्टाचार जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ उनका संघर्ष राजनीति से हटकर है। लेकिन ऐसे कड़वे अनुभवों के बाद वे सतर्क हो गए हैं और अब ऐसे लोगों को अपने साथ रखना चाहते हैं जो उनके मकसद के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर दें। उन्होंने बताया कि उन्हें अब तक ऐसे 4000 से अधिक शपथपत्र मिल चुके हैं। यह संख्या काफी उत्साहवद्र्धक है।
मोदी ने की किसानों की उपेक्षा
हजारे ने आरोप लगाया कि केंद्र मेंं साढ़े तीन साल के शासन के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत ही कम काम किया है। कृषि क्षेत्र की पूरी तरह अनदेखी की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने लोकपाल अधिनियम को पूरी तरह कमजोर बना दिया और इस संस्था ने अपनी शक्ति ही खो दी है।
पानी देने से कोई मना नहीं कर सकता महादयी विवाद के बारे में हजारे ने कहा कि यदि जरूरत पड़ती है तो वे गोवा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे क्योंकि यह पेयजल का मसला है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इस मसले के बारे में अधिक नहीं जानते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि पेयजल की बात है तो पानी देने से कोई मना नहीं कर सकता।