बैंगलोर

गारमेंट सेक्टर को राहत की अपील

बजट पूर्व ज्ञापन: कर व्यवस्था की खामियोंं को दूर करने की मांग

बैंगलोरJan 19, 2022 / 07:49 am

Yogesh Sharma

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बेंगलूरु. कर्नाटक होजरी एवं गारमेंट एसोसिएशन (खागा) ने प्रधानमंत्री व केन्द्रीय वित्तमंत्री को बजट पूर्व ज्ञापन में जीएसटी दर वृद्धि जो फिलहाल स्थगित की है। व्यापारी अनुरोध करते हैं कि जीएसटी वृद्धि को हटाएं ताकि उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास को जारी रख सकें और रोजगार के पर्याप्त अवसर प्रदान कर सकें। व्यापारी दर वृद्धि को 5 से 12 प्रतिशत तक स्थगित करने के निर्णय के लिए सरकार को धन्यवाद देते हैं।
खागा के अध्यक्ष डूंगरमल चोपड़ा,मंत्री प्रकाश भोजानी व पूर्व अध्यक्ष सज्जनराज मेहता ने ज्ञापन में वैकल्पिक रूप से, हम सभी टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट पर टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट्स को 5 प्रतिशत की एकल दर से लाकर विसंगति को पूरी तरह से दूर करने का अनुरोध किया है। इससे व्यापार करने में आसानी होगी। वहीं मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार में भी कई गुना वृद्धि होगी जो अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का एक प्रमुख क्षेत्र रहा है।
जीएसटी रिटर्न और आयकर लेखा परीक्षा की सीमा वृद्धि
हम सरकार से बिना किसी शर्त के ऑडिट सीमा को बढ़ाकर 10 करोड़ करने का आग्रह करते हैं। वर्तमान में 10 करोड़ का आयकर ऑडिट क्लॉज विभिन्न शर्तों से लैस है, जिससे व्यापार में विसंगति और कठिनाई होती है। इसी तरह, भविष्य के सभी वर्षों के लिए जीएसटी वार्षिक रिटर्न फाइलिंग को भी बढ़ाकर 10 करोड़ किया जाना चाहिए।
जीएसटीआर 2 बी के आधार पर आईटीसी सीमा की आवश्यकता वाले कानून में मौजूदा बदलाव व्यापार के लिए अनुचित कठिनाई का कारण बनेंगे और ऐसे कई उदाहरण हैं जहां 1/2 दिनों की देरी से रिटर्न दाखिल किया जाता है या जहां सामान अगले महीने प्राप्त होता है। यह प्रावधान हमारी कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को प्रभावित कर रहा है जो पहले से ही कोविड-19 के कारण पीडि़त हैं।
ज्ञापन में बताया कि कानून में लाया गया एक और संशोधन जो 50 लाख प्रति माह से अधिक के कारोबार वाले लोगों के लिए आउटपुट टैक्स के 99प्रतिशत की सीमा तक आईटीसी के उपयोग को प्रतिबंधित करता है, फिर से वास्तविक व्यापारियों के लिए कार्यशील पूंजी के मुद्दों को जन्म देता है जिन्होंने अधिक खरीदा है लेकिन उनके बिक्री खरीद के अनुरूप नहीं है।
छोटे व्यापारियों को बड़ी संख्या में अनुपालन से बचने में मदद करने के लिए ई-वे बिल की आवश्यकता को मौजूदा 50,000 से बढ़ाकर 1 लाख करने का भी अनुरोध किया गया है। हम छोटे व्यापारियों के लिए शुरू की गई तिमाही रिटर्न मासिक भुगतान योजना के लिए सरकार का आभार भी जताया। लेकिन जीएसटीआर 2बी के माध्यम से आईटीसी प्रतिबंधों की स्थिति मुश्किल पैदा करेगी क्योंकि हमारे ग्राहक जिनका टर्नओवर 5 करोड़ से अधिक है, चालान अपलोड नहीं किए जाने के लिए अनुवर्ती कार्रवाई करते रहेंगे। त्रैमासिक रिटर्न योजना के लाभों को समाप्त कर देगा।

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