कार्मिक और प्रशासनिक सेवा विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, राज्य में बीएस येडियूरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मंत्रियों और सांसदों को 23 लाख रुपए में वाहन खरीदने के लिए भत्ते में वृद्धि की है।
लगभग 85,000 करोड़ रुपए का ऋण हालांकि विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है। पूर्व मुख्यमंत्री और जेडी-एस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि कोविद -19 महामारी के कारण वित्तीय संकट को देखते हुए निर्णय को एक साल के लिए टाल दिया जाना चाहिए था। विशेषकर, तब जबकि कि सरकार पहले ही कोविड -19 महामारी के नाम लगभग 85,000 करोड़ रुपए का ऋण ले चुकी है।
जहां तक नियमों का सवाल है, नियमों के अनुसार, मंत्री या चुने हुए प्रतिनिधि केवल एक लाख किमी तक चलने या खरीदने के सात साल बाद अपनी कारों को बदल सकते हैं। इसके बाद ऐसी कारें आमतौर पर जिला मुख्यालयों में तैनात रहती हंै और जिलों की अपनी यात्रा के दौरान वीआईपी की यात्रा आवश्यकताओं के लिए उपयोग की जाती है।