बैठक में भाग लेने के पश्चात उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 में 433 करोड़ तथा वर्ष 2020-21 में 477 करोड़ रुपए राशि का उपयोग नहीं किए जाने के कारण यह 910 करोड़ रुपए की राशि स्थानीय जिला उपायुक्तों के खाते में जमा है।उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए आवंटित इस राशि का शतप्रतिशत उपयोग नहीं किए जाने से इन विभागों के निर्धारित विकास कार्य ठप हैं। जबकि इस राशि से सरकारी स्कूल कॉलेजों की मरम्मत, पेयजल आपूर्ति योजनाए,ं अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं का उन्नयन संभव था।
विधायकों को 1 करोड़ 50 लाख रुपए का अनुदान मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों को 1 करोड़ 50 लाख रुपए का अनुदान जारी किया है। इस अनुदान का उपयोग किए बगैर ही फिर एक बार क्षेत्र के विकास के लिए अनुदान मांगा जा रहा है। जबकि इससे पहले आवंटित अनुदान का उपयोग नहीं किए जाने के कारण यह अनुदान जिला उपायुक्त के खाते में पड़ा है। वर्ष 2021, जनवरी माह के अंत तक राज्य के उडुपी, बेंगलूरु ग्रामीण तथा चिकमगलूरु, इन तीन जिलों को छोडकर राज्य के किसी भी जिले में इस अनुदान का 50 फीसदी उपयोग नहीं किया गया है।
बेंगलूरु में महज 20 फीसदी राशि का उपयोग बागलकोट, बेंगलूरु शहर, बीदर, बेलगावी, धारवाड, मैसूरु, मेंगलूरु, मण्ड्या, कोप्पल, हावेरी, गदग तथा रामनगर जिलों में महज 20 फीसदी उपयोग किया गया है। इस राशि का उपयोग नहीं किए जाने पर भी स्थानीय जिला प्रशासन की ओर से विधायकों के साथ संपर्क नहीं किए जाने पर मंत्री ने आक्रोश व्यक्त किया।