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राष्ट्र विरोधी हूं तो गिरफ्तार करे सरकार

locationबैंगलोरPublished: Oct 15, 2019 09:59:30 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष व वामपंथी नेता कन्हैया कुमार के एक व्याख्यान को लेकर मंगलवार को गुलबर्गा विश्वविद्यालय में काफी हंगामा हुआ। विश्वविद्यालय ने कन्हैया कुमार के व्याख्यान की अनुमति अंतिम क्षणों में रद्द कर दी। विद्यार्थियों ने कुलपति से व्याख्यान होने देने की मांग की। कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शन किया।

राष्ट्र विरोधी हूं तो गिरफ्तार करे सरकार

राष्ट्र विरोधी हूं तो गिरफ्तार करे सरकार

गुलबर्गा विवि ने कन्हैया कुमार के व्याख्यान की अनुमति रद्द की

कलबुर्गी.

हंगामे के बीच गुलबर्गा विश्वविद्यालय (Gulbarga University) ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (Jawaharlal Nehru University Students’ Union) के पूर्व अध्यक्ष व वामपंथी नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) के व्याख्यान की अनुमति अंतिम क्षणों में रद्द कर दी। इससे वे मंगलवार को ‘आंबेडकर के आधुनिक भारत के परिप्रेक्ष्य में युवाओं की भूमिका’ विषय पर व्याख्यान (Lecture) नहीं दे सके। विद्यार्थियों ने कुलपति से व्याख्यान होने देने की मांग की। कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शन किया।

इसके बाद आयोजकों ने जिला न्यायालय के पास स्थित विश्वेश्वरय्या इंस्ट्टीयूट ऑफ इंजीनियर्स में व्याख्यान आयोजित की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने रोक दिया। पुलिस के अनुसार आयोजकों ने समय रहते कार्यक्रम की सूचना नहीं दी।

डॉ. बीआर आंबेडकर अध्ययन और अनुसंधान संस्थान, रिसर्च स्कॉलर्स एसोसिएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन एसोसिएशन ऑफ गुलबर्गा यूनिविर्सिटी ने इसका आयोजना किया था। विवि के डॉ. बीआर आंबेडकर सभागार में मंगलवार सुबह 11 बजे व्याख्यान होना था। अनुमति रद्द होने से हंगामे की आशंकाओं के मद्देनजर जिला प्रशासन को विवि परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात करना पड़ा। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई।

विवि की कार्यवाहक उप कुलपति परिमला आंबेडकर (Permila Ambedkar) ने सोमवार को इस व्याख्यान की स्वीकृति दी थी। आयोजकों ने भरोसा दिलाया था कि कार्यक्रम शांतिपूर्ण होगा। परिमला ने कहा कि कन्हैया कुमार के कार्यक्रम से कानून-व्यवस्था बिगडऩे की आशंका और विद्यार्थियों की सुरक्षा को देखते हुए अनुमति रद्द करनी पड़ी। प्रदेश सरकार ने भी मौखिक रूप से कानून व्यवस्था बिगडऩे की संभावना जताई थी। उन्होंने पुलिस आयुक्त एमएन नागराज (M N Nagraj) और विवि के कुलसचिव सी. सोमशेखर के साथ चर्चा के बाद अनुमति निरस्त करने का निर्णय लिया।

सरकार के मौखिक निर्देश

डॉ. आंबेडकर पीठ के प्रमुख और आयोजकों में से एक प्रो. मुलमानी ने कहा कि कार्यवाहक कुलपति ने उन्हें मंगलवार को सूचना दी कि प्रदेश सरकार ने अनुमति रद्द करने के मौखिक निर्देश दिए हैं।

मिली थी सशर्त अनुमति

जानकारी के अनुसार एक हिंदुत्ववादी संगठन के कार्यकर्ता अनुमति देने के विरोध में थे। दूसरी ओर स्नातकोत्तर और शोध विद्यार्थियों का एक समूह किसी भी हाल में व्याख्यान चाहता था। विवि के सिंडिकेट ने सोमवार को बैठक की। बैठक के दौरान व्याख्यान के लिए अनुमति देने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने प्रदर्शन किया था। जिसके बाद सिंडिकेट ने व्याख्यान की सशर्त अनुमति दी। जिसके अनुसार कन्हैया कुमार विद्यार्थियों को उकसाने वाले उत्तेजक बयान नहीं देंगे। शोध के अलावा और किसी विषय पर चर्चा नहीं होगी।

सरकार और विवि के रवैये की निंदा
कन्हैया कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान अनुमति रद्द करने के लिए विवि के अधिकारियों और सरकार के रवैये की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह विद्यार्थियों का विश्वविद्यालय है। उन्हें कार्यक्रम आयोजन करने और किसी को भी आमंत्रित करने का पूरा अधिकार है। अगर सरकार और विवि उन्हें राष्ट्र विरोधी मानते हैं, तो उन्होंने मुझे गिरफ्तार क्यों नहीं किया।

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