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सूबे में आज से होगी कृत्रिम वर्षा

locationबैंगलोरPublished: Aug 18, 2017 05:48:00 am

सूखे से बचने के लिए प्रदेश सरकार ने अब कृत्रिम वर्षा कराने की तैयारी कर ली है और कृत्रिम बारिश का सिलसिला शुक्रवार से शुरू कर दिया जाएगा।

Artificial rain from today in the state

Artificial rain from today in the state

बेंगलूरु।सूखे से बचने के लिए प्रदेश सरकार ने अब कृत्रिम वर्षा कराने की तैयारी कर ली है और कृत्रिम बारिश का सिलसिला शुक्रवार से शुरू कर दिया जाएगा।


बेंगलूरु मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार बारिश कराने की यह जिम्मेदारी पंचायत राज्य एवं ग्रामीण विकास (आरडीपीआर) को दी गई है। इस प्रकार की बारिश के लिए प्रदेश के तीन नदी प्रवाह क्षेत्रों कावेरी, मलप्रभा और तुंगभद्रा का चयन किया गया है। इसके लिए बेंगलूरु के गांधी कृषि विज्ञान केन्द्र (जीकेवीके), यादगीर के शोरापुर और गदग जिलों में डॉप्लर राडार लगाया जाएगा।

 

कृत्रिम बारिश कराने की जिम्मेदारी प्रदेश की निजी कम्पनी होयसला प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है और इसके लिए कम्पनी को ६० दिनों तक बारिश कराने के लिए ३० करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा। कृत्रिम बारिश की शुरुआत शुक्रवार से होगी और जीकेवीके चतुर्थ तल पर स्थित इस केन्द्र का उद्घाटन आरडीपीआर मंत्री एच.के. पाटिल करेंगे।

२०० किलोमीटर के दायरे में होगी बारिश

राडार की पकड़ केन्द्र से २०० किलोमीटर तक होगी। ये राडार इस दायरे में वायु में मौजूद नमी की मात्रा को मापकर बेंगलूरु के जीकेवीके स्थित मुख्यालय को सूचित करेंगे, जिसके बाद यहां पर मौजूद वैज्ञानिक उन आंकड़ों का अध्ययन कर उन बादलों पर केमिकल की बौछार करने का निर्णय लेंगे।

 

बादलों पर केमिकल की बौछार करने को बेंगलूरु से जक्कूर एयरपोर्ट पर दो वायुयान २४ घंटे तैयार रहें और आदेश मिलने के बाद वे तीनों जिलों के चिन्हित क्षेत्रों के बादलों में केमिकल की बौछार करेंगे, जिसके बादे बादल केमिकल के साथ अभिक्रिया कर बारिश करेंगे।

२००३ में हो चुका है प्रयास

बेंगलूरु मौसम विज्ञान केन्द्र के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश में कृत्रिम बारिश के लिए सबसे पहले वर्ष २००३ में प्रयास किया गया था। तब सरकार ने ८३ दिनों तक बारिश को ९ करोड़ रुपए खर्च किए थे। इसके बाद वर्ष २००८ में कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से एक स्वयंसेवी संस्थान ने राज्य के गदग, हावेरी एवं धारवाड़ जिलों में २० से ४५ मिमी तक कृत्रिम बारिश करवाई थी। इस बार राज्य में कृत्रिम बारिश कराने के लिए अमरीका से विशेष विमान मंगवाया गया है। ये विमान सोमवार को ही यहां पहुंच गए थे।

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