शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि अश्वथनारायण पाटिल से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिले। वे चाहते हैं कि कांग्रेस उनके खिलाफ उच्च शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगाए। वे सुरक्षा चाहते हैं। लेकिन, जब हम पूछते हैं तो कहते हैं कि यह व्यक्तिगत बैठक थी। मैं इस पर और चर्चा नहीं करना चाहता।’
पाटिल प्रदेश कांग्रेस प्रचार समिति के प्रमुख हैं। उन्होंने इस मुलाकात से इनकार करते हुए कहा कि ‘मैं हाल के दिनों में कभी भी अश्वथ नारायण से नहीं मिला हूं। हमारी मुलाकात की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। अगर जरूरत पड़ी तो हमें बैठक से कोई रोक नहीं सकता है। उनकी बेटी और मेरा बेटा सहपाठी हैं। इसके अलावा, वह उच्च शिक्षा मंत्री हैं। अगर मुझे कुछ काम है, तो मैं उनके पास जाऊंगा।’ पाटिल ने कहा कि राजनीतिक संबंध व्यक्तिगत संबंधों से अलग होते हैं। शिवकुमार के बयान पर आश्चर्य जताते हुए उन्होंने कहा कि मैं उनसे बात करूंगा। ये सुरक्षा का क्या अर्थ है? क्या मैं अश्वथ को सुरक्षा दे सकता हूं? क्या शिवकुमार, Siddaramaiah या बीके हरिप्रसाद सुरक्षा दे सकते हैं?’
अश्वथनारायण ने भी कहा कि यह पूरी तरह झूठ है। उन्हें पाटिल से मिलने की कोई जरूरत नहीं है। वे और पाटिल दोस्त हैं। अगर उनसे मिलना है तो शिवकुमार की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। गौरतलब है कि पाटिल और शिवकुमार के बीच पहले भी मतभेद हो चुके हैं।